बैतूल4 मिनट पहले
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- सारनी, चांदू पलस्या, चूनालोमा ढाना और भैंसदेही तरफ जाने वालों को राहत
- कोरोना इफेक्ट : जिले में 250 में से 246 बसों का संचालन अब भी नहीं
दूध बेचने वालों और अपडाउन यात्रियों को रोजाना हो रहे नुकसान और परेशानी को देखते हुए बस ऑपरेटर ने पांच महीने के लंबे अंतराल के बाद बसों का संचालन शुरू किया है। इस तरह जिले में लगभग 250 बसों में से चार बसों का संचालन शुरू हो गया है। इससे सारनी, चांदू पलस्या, चूनालोमा ढाना और भैंसदेही की ओर जाने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। वहीं अन्य बसों का संचालन शुरू होने के आसार भी बन गए हैं।
पांच महीनों से थमे हुए बसों के पहिए अब रफ्तार पकड़ने लगे हैं। चार बसों का संचालन बस ऑपरेटर योगेश पोटे ने शुरू करवाया है। दरअसल उन्हें लगातार अपने पुराने यात्रियों और अपडाउन करने वाले यात्रियों के फोन आ रहे थे। इसके साथ ही कंडक्टर्स और ड्राइवर्स भी खाली बैठे थे। इसे देखते हुए उन्होंने चार बसों का संचालन शुरू करने का निर्णय लिया। बुधवार से बसों का संचालन उन्होंने शुरू करवाया है।
हालांकि यात्री नहीं मिलने के कारण, प्रत्येक बस के संचालन में जमकर नुकसान दोनों दिन उठाना पड़ा है। उनका दावा है कि एक बस के संचालन पर चार से पांच हजार का घाटा हुआ। सारनी के यात्री तो टैक्सी वालों को जमकर किराया दे रहे हैं। ऐसे में वे भी लंबे समय से मांग उठा रहे थे। इसे देखते हुए बस ऑपरेटर पोटे की ओर से सारनी की ओर एक, चांदू पलस्या की ओर एक, चूनालोमा ढाना की ओर एक और भैंसदेही के लिए एक बस चलाना शुरू की है।
बस संचालक ने कहा- सारनी रूट पर 12 यात्री और अन्य रूट पर 3 से 4 यात्री ही मिल रहे
चार बसों का संचालन शुरू करवाने वाले बस ऑपरेटर योगेश पोटे ने बताया कि हमारे ड्राइवर, कंडक्टर खाली बैठे थे। पुराने यात्रियों की ओर से रोजाना फोन आ रहे थे। खासकर सारनी क्षेत्र के दूध बेचने वाले हमें फोन लगा रहे थे कि पहले से 80 रुपए में दूध शहर तक छोड़कर लौट जाते थे। अब बाइक में 200 रुपए से ज्यादा का पेट्रोल जल रहा है। बस शुरू करवाई जाए। इसी तरह के फोन भैंसदेही और खेड़ी से भी आ रहे थे। सारनी की बसों में 12, खेड़ी और भैंसदेही की बसों में 3 से चार यात्री ही मिल रहे हैं।
बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन का कहना- यात्री नहीं मिलने से हो रहा घाटा, टैक्स माफ करना जरूरी
बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास आर्य ने बताया कि शासन स्तर पर टैक्स माफी को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। शासन की ओर से कभी 6 महीने, कभी चार महीने, और कभी तीन महीने का टैक्स माफ करने की बात कही जा रही है। लंबे समय बसें खड़ी रहने से आमदनी चौपट पड़ी है, कोरोना काल में यात्री कम संख्या में मिलेंगे, इसीलिए टैक्स माफ करना जरूरी है। कुछ बसें यात्रियों को बहुत ज्यादा परेशानी को देखते हुए शुरू की गई हैं। लेकिन टैक्स माफ होगा तभी अन्य बसों के संचालन को शुरू किया जाएगा।
बसाें का मेंटेनेंस पड़ रहा भारी
मालिकों को बसों का मेंटेनेंस भारी पड़ रहा है। कोठी बाजार और गंज के बस स्टैंड पर सैकड़ों बसें खुले में खड़ी हैं। इनके बैटरी, ब्रेक, टायर खराब हो रहे हैं। किराया सूची भी चार साल पहले, जब डीजल 55 रुपए लीटर था, उस समय की है। आज डीजल 80 रुपए लीटर से अधिक हो चुका है। अब टैक्स माफी भी नहीं हो रही है। यात्री भी बेहद कम मिलते हैं, इस कारण बसों का संचालन घाटे में नहीं किया जा सकता है। जिले में 250 बसों का लगभग 50 लाख का टैक्स माफ किया जाना है।
चार बसों का संचालन शुरू किया है
चार बसों का संचालन ऑपरेटर ने शुरू किया है। हालांकि उन्होंने यात्री मिलने पर ही बसों का संचालन जारी रखने की बात कहीं है। अलग-अलग रूटों पर यह चार बसें चलाई जा रही है। इन बसों का परमिट और फिटनेस है।
– रंजना भदौरिया, डीटीओ
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