बांध का पूर्ण जलस्तर 422.76 मीटर है जो 422.45 तक पहुंच चुका है
इस साल पहली बार बरगी बांध (bargi dam) के 21 में से 17 गेट खोले गए हैं. गेट खोलते ही जबलपुर से लेकर होशंगाबाद तक के 320 किमी लंबाई वाले क्षेत्र सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, देवास, सीहोर, खंडवा और खरगोन जिले के तटवर्ती क्षेत्र में अलर्ट (Alert) जारी किया गया है.
422.45 मीटर तक पहुंचा डैम का जलस्तर
जबलपुर शहर सहित संभाग भर में जारी मूसलधार बारिश से बरगी बांध लबालब हो चुका है. इसके कैचमेंट क्षेत्र में लगातार बारिश होने और मंडला-डिंडौरी का पानी बांध में प्रवेश करने से बांध अपने पूर्ण जलभराव स्तर 422.76 के बेहद करीब पहुंच गया. सुबह बांध का जलस्तर 422.45 मीटर पर पहुंचने के बाद बांध प्रबंधन ने बारी बारी से गेट खोलते हुए 17 गेट खोलकर 2 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ाना शुरू कर दिया.
जबलपुर से होशंगाबाद तक हाई अलर्टबांध के गेट खुलने से नर्मदा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ गया. ग्वारीघाट, तिलवारा घाट, भेड़ाघाट के तटों पर सायरन बजाकर अलर्ट के बारे में जानकारी दी गयी. साथ ही बांध के अन्य निचले इलाके लोगों को डूब क्षेत्र में न जाने की सलाह दी गयी है. पानी छोड़ने से बांध प्रबंधन ने नर्मदा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जबलपुर से लेकर होशंगाबाद तक के 320 किमी लंबाई वाले क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, देवास, सीहोर, खंडवा और खरगोन जिले के तटवर्ती क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है.
21 गेट खुल सकते हैं
बरगी बांध का लगातार बढ़ता जलस्तर बांध प्रबंधन के लिए दोहरी चिंता का विषय बना हुआ है. 17 गेट से 2 लाख 40 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है लेकिन ज़रूरत इससे ज्यादा पानी छोड़ने की है. होशंगाबाद के हालातों को देखते हुए प्रबंधन ने फिलहाल नियमित मात्रा में ही पानी छोड़ने का फैसला लिया है. अगर औऱ बारिश होती है तो डैम के सभी 21 गेट खोले जा सकते हैं. रानी अवंतीबाई परियोजना के चीफ इंजीनियर डी एस धुर्वे का कहना है नर्मदा के कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश से बरगी बांध में 7 हज़ार क्यूसेक से ज्यादा पानी प्रवेश कर रहा है, जो लाखों मिलियन लीटर होता है.
बांध का पूर्ण जलस्तर 422.76 मीटर है जो 422.45 तक पहुंच चुका है. अगर बारिश नहीं रुकी तो और गेट खोले जाएंगे. इससे होशंगाबाद में हालात बिगड़ सकते हैं. बरगी डैम के साथ-साथ नर्मदा की सहायक नदियों और अन्य क्षेत्रों से आ रहा पानी होशंगाबाद जाने तक करीब 6 लाख क्युसेक होता है. अगर इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना शुरू किया गया तो होशंगाबाद में बाढ़ के हालात हो जाएंगे.