उन्होंने मालवा के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने के बाद इंदौर को अपनी राजधानी बना लिया. उनकी मृत्यु होने के बाद गद्दी पर दो और शासक बैठे हालांकि तीसरी शासिका अहिल्या बाई होल्कर ने 1765 से 1795 ईसवी तक होल्कर राजवंश की राजधानी बनाया. इंदौर शहर 1818 में ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया. इंदौर शहर बहुत पुराना शहर है. 1715 के मध्य उज्जैन से ओंकारेश्वर यात्रा के बीच एक खुशनुमा ये पहाड़ हुआ करता था, लेकिन आज महानगर में तब्दील हो गया है. इंदौर शहर अब मुंबई का रूप लेता जा रहा है. स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म इसी शहर में हुआ था. शिक्षा के केंद्र के रूप में उभरे इंदौर शहर को मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. मालवा का सबसे बड़ा शहर
इंदौर ही है.
औद्योगिक गतिविधियों का मुख्य केन्द्रइंदौर मध्यप्रदेश का प्रमुख वाणिज्यक और औद्योगिक केंद्र इंदौर है और इसके आसपास 5 हजार से ज्यादा छोटे बड़े उद्योग स्थापित हैं. इनमें टाइल्स, सीमेंट, कपड़ा, रसायन, दवा, खेल के सामान, फर्नीचर के अलावा इलेक्ट्रानिक्स के उद्योग शामिल हैं. वहीं पुराने उद्योगों में तेल की मिलें, लाख की चूड़ियां, मिट्टी के बर्तन, बुनाई छपाई और रंगाई उद्योग शामिल हैं. गेहूं-मूंगफली और सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक इंदौर शहर अपने मसालेदार भोजन एवं नमकीन उद्योग के लिए भी काफी प्रख्यात है.
एक ही शहर में IIM और IIT
इंदौर देश के उन शहरों में शामिल है, जहां आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं. शहर में सन 1964 में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय शिक्षा के एक बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ था. अन्य शैक्षणिक संस्थानों की यदि बात की जाए तो एसजीएस इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक अध्ययन संस्थान, होल्कर विज्ञान, महात्मा गाँधी मेमोरियम मेडिकल कॉलेज, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जैसे बड़े संस्थान भी हैं.
रहन सहन
इंदौर शहर के लोगों का रहन सहन काफी सरल एवं उत्तम है. सर्दी गर्मी बरसात के अलावा यहां के लोगों का स्वभाव भी सामान्य रहता है यहां न तो अधिक ठंड पड़ती है ना ही अधिक गर्मी और ना ही ज्यादा बरसात. इसलिए रहने के लिए यहां का मौसम अनुकूल है. यहां बोली मालवी है, लेकिन लोग हिन्दी का ही प्रयोग करते हैं.
खानपान
खाने और खिलाने के लिए इंदौर शहर काफी फेमस है. इंदौर शहर में स्थित सराफा चौपाटी और 56 दुकान बाजार समेत कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर लोग स्वादिष्ट नए नए व्यंजनों का स्वाद लेते हैं. यहां खासतौर पोहा, जलेबी और नमकीन देश दुनिया में प्रसिद्ध है.
पर्यटन
मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा शहर इंदौर है, जहां पर कई ऐतिहासिक इमारतें जो पुरानी धरोहर को अपने आप में संजो कर रखी हुई हैं. इंदौर शहर मध्यकाल में होल्कर राजवंश की राजधानी हुआ करता था. अभी भी इस वंश से संबंधित कई भावनाओं को यहां पर देखा जा सकता है. अन्नपूर्णा मंदिर केंद्रीय संग्रहालय यहां प्रमुख स्थल है, जहां पर व्यक्ति अधिक संख्या में जाते हैं. इंदौर शहर में कई महल हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध राजवाड़ा है, जिसे इंदौर के आकर्षण का केंद्र माना जाता है. इसके अलावा कांच मंदिर, लालबाग, कृष्णपुरा छत्री, सात मंजिला भव्य होल्कर राजवाड़ा महल जिसका अब सिर्फ अग्रभाग ही बचा हुआ है. बड़ा गणपति की 7.62 मीटर ऊंची बैठी हुई मूर्ति सबसे प्रसिद्ध है. इसके अलावा खजराना गणेश मंदिर देश दुनिया में इंदौर को अलग पहचान दिलाता है.
सफाई में नंबर वन इंदौर
इंदौर देश का सबसे साफ शहर है. सफाई में लगातार चार बार से सिरमौर बना हुआ है. ये यहां के लोगों की सफाई के प्रति जागरुकता और समर्पण की मिसाल है. इस शहर में कचरा फेंकने का मन नहीं करता है. इंदौर देश के रहने लायक शहरों की टॉप टेन सूची में भी शामिल है.