शाजापुर18 घंटे पहले
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टुकराना हिल्स पर बने साइकिल ट्रैक का मनोरम नजारा।
- 30 हजार पौधे रोपने के बाद प्राकृतिक सौंदर्य के बीच साइकिल ट्रैकिंग की मिलेगी सुविधा
अतिक्रमण की चपेट में आई पुलिस प्रशासन की सैकड़ों बीघा की पहाड़ी जमीन का स्वरूप बदलता जा रहा है। पहले अतिक्रमण मुक्त कराकर तीस हजार पौधे रोपे गए तो अब शहर के लोगों के लिए प्रकृति की गोद में साइकिलिंग की विशेष सुविधा तैयार की जा रही है। नया साल आने के पहले ही यहां सात किमी लंबा साइकिल ट्रैक बना दिया जाएगा। इससे शहर के युवाओं के लिए एडवेंचर से भरे अवसरों को बढ़ाया जा सके। शहर के लोगों को आगे आने की जरूरत है, क्योंकि यहां उन्हीं लोगों को एंट्री मिलेगी जो रोपे गए पौधों को जीवित रख वृक्ष बनाने का प्रयास करेंगे।
आरआई विक्रमसिंह भदौरिया के अनुसार शहर से 6 किमी दूर स्थित टुकराना हिल्स को लगातार डेवलप किया जा रहा है। यहां पर्यावरण बचाने के बेहतर संभावनाओं को देखते हुए बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया था। आमजनों को इस मुहिम से जोड़ने के लिए यहां साइकिल ट्रैक भी बनाया जा रहा है। ताकि शहर के लोगों को शहर के पास ही माउंटेन साइकिलिंग का अनुभव मिल सके। इधर लगातार संरक्षित होते जा रहे इस क्षेत्र में वन्य जीवों की संख्या भी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगते ही हिरण, खरगोश जैसे जीवों के लिए अच्छा स्थान बन गया है।
करीब 200 बीघा क्षेत्र के तीन पहाड़ियों वाली इस टुकराना हिल्स को डेवलप करने के लिए पुलिस ने विशेष योजना पर काम करना दो साल पहले से ही शुरू कर दिया था। लेकिन यहां अतिक्रमण होने से योजना पहले धीरे धीरे शुरू की गई। इसके बाद पूरी 200 बीघा में वन विभाग के माध्यम से पौधारोपण और तार फैंसिंग कर इसे सुरक्षित किया गया। पहाड़ीनुमा इस क्षेत्र में सात किमी लंबा साइकिल ट्रैक इस तरह बनाया है कि पहाड़ियों के बीच के हिस्से से दिखने वाले प्राकृतिक नजारे स्वत: ही लोगों को आकर्षित हो जाएगा।
पौधों को वृक्ष बनाने के संकल्प से ही मिलेगी एंट्री
साइकिलिंग करने वाले शहर के युवाओं को यहां पहली बार माउंटेन साइकिलिंग की सुविधा मिलने वाली है। आरआई विक्रम सिंह भदौरिया ने बताया कि यहां उन्हीं लोगों को एंट्री दी जाएगी जो पर्यावरण के प्रति जागरूक है। इसके लिए एंट्री सिस्टम को भी इस तरह बनाया जा रहा है जिससे यहां वन्यजीव और पौधों को नुकसान न हो। यहां आने वाले लोगों को शुरुआत में ही यह संकल्प लेना होगा कि पौधों को वृक्ष बनने में मदद करेंगे।
युवाओं की मदद इसलिए जरूरी
पुलिस और वन विभाग के माध्यम से यहां पौधों का रोपण तो कर दिया लेकिन अधिकारियों के सामने चिंता बारिश बाद पौधों के लिए पानी की व्यवस्था करना रहेगी। पानी के सीमित संसाधन होने के बाद भी अफसरों ने दावा किया 70 प्रतिशत पौधों को जीवित रखने का प्रयास किया जाएगा। साइकिलिंग करने वाले युवा भी पानी से संबंधित मदद के लिए कदम बढ़ाएं तो पौधों को गर्मी में भी जीवनदान मिल जाएगा।
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