Bus fare from Chhatarpur to Sagar demanded 700 rupees. So, the bike traveled 215 km in 4 hours | छतरपुर से सागर तक का बस किराया मांगा 700 रु. तो बाइक से 4 घंटे में तय किया 215 किमी का सफर

Bus fare from Chhatarpur to Sagar demanded 700 rupees. So, the bike traveled 215 km in 4 hours | छतरपुर से सागर तक का बस किराया मांगा 700 रु. तो बाइक से 4 घंटे में तय किया 215 किमी का सफर


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सागर15 मिनट पहले

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  • परीक्षा के तीसरे दिन बढ़ी केंद्रों पर विद्यार्थियों की संख्या, दोनों शिफ्टों में बैठे 392 परीक्षार्थी

जेईई मेंस परीक्षा के दूसरे दिन परीक्षा केंद्रों में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है। दोनों शिफ्टों में कुल 436 विद्यार्थियों को शामिल होना था। इनमें से 392 विद्यार्थी शामिल हुए। एक दिन पहले परीक्षा में इतने ही विद्यार्थियों में से कुल 367 विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए आए थे। परीक्षा की सिटी कोऑर्डिनेटर मंजू कोहली के अनुसार तीन दिन के दौरान हुई परीक्षा में कोई भी विद्यार्थी असामान्य सामने नहीं आया। जिसे आइसोलेशन रूम में बैठाना पड़े। सभी छात्र स्वस्थ और सामान्य थे।

सामान्य थे पेपर, हल करने में नहीं हुई परेशानी : विद्यार्थी बोले कि सुबह की शिफ्ट में आया पेपर सामान्य था। फिजिक्स में विस्तृत केलकुलेशन बेस्ट तथा केमिस्ट्री में कॉन्सेप्ट बेस्ट सवाल आए। हालांकि कोचिंग और पिछली कक्षाओं में इसका अभ्यास पहले से होने के कारण ज्यादा परेशानी नहीं हुई। गणित भी सामान्य थी। केमिस्ट्री के सवाल हल करने में जरूर थोड़ी परेशानी हुई। लेकिन पेपर बेहतर रहा।

छतरपुर-टीकमगढ़ में प्रशासन ने नहीं की व्यवस्था, खुद के साधन से परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थी
परीक्षा में शामिल होने की विद्यार्थियों की विवशता का फायदा उठाने में बस संचालक पीछे नहीं हट रहे हैं। ज्यादा परेशानी छतरपुर और टीकमगढ़ के विद्यार्थियों को हुई। जिला प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण विद्यार्थियों को स्वयं की व्यवस्था से परीक्षा देने के लिए आना पड़ा। मामला छतरपुर जिले के लवकुशनगर का है।

यहां एक विद्यार्थी से लवकुशनगर से सागर तक का किराया गोल्डन ट्रेवल्स के संचालक ने 700 रुपए मांगा। इसके बाद विजय यादव अपने छोटे भाई गणेश यादव को बाइक से सागर लेकर आए हैं। इस सफर में उन्हें चार घंटे का वक्त लगा और सुबह 5 बजे घर से निकलना पड़ा। टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव निवासी राजेश कुमार जैन ने बताया कि वे बेटे विमर्श को परीक्षा दिलाने के लिए परिचित के चार पहिया वाहन से 2 हजार रुपए खर्च करके आए हैं।

उनका कहना था कि जिला प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की इसलिए वाहन करना पड़ा। यदि बस चल रही होती तो अधिकतम 600 रुपए में दोनों आ जाते। विदिशा के बिलगोना गांव निवासी भोले अहिरवार ने बताया कि बेटे शुभम के लिए प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की थी। इसलिए परीक्षा दिलाने के लिए बाइक से लेकर आना पड़ा। सुबह 8 बजे निकले थे तब 11.30 बजे यहां पहुंच पाए। रहली के बगरौन गांव निवासी मूरत कुर्मी ने बताया कि सागर में बेटे सौरभ की परीक्षा थी। 2 दिन पहले 181 नंबर पर कॉल किया था। वहां से रहली स्थित एक्सीलेंस स्कूल में सुबह 5 बजे आने के लिए कहा था। चूंकि परीक्षा दोपहर की शिफ्ट में थी। इसलिए खुद के वाहन से आए।

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