देवाशीष जरारिया कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
कांग्रेस (Congress) की ओर से सक्रिय युवा नेता देवाशीष जरारिया (Devashish Jarariya) के बेरोज़गार युवकों के लिए किए गए प्रदर्शन में हंगामे के बाद उनकी मौत की अफवाह उड़ी.
राजीव तोमर नाम के युवक ने फेसबुक पर लिखा कि भिंड आने से पहले ही देवाशीष जरारिया की सड़क दुर्घटना में मौत. ॐ शांति, जिसके बाद देवाशीष को खुद सामने आकर अपना वीडियो जारी कर अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ा.
कौन हैं देवाशीष जरारियादेवाशीष जरारिया मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी संगठन (अजाक्स) के महासचिव डॉ. पीसी जाटव के बेटे हैं. 28 साल के देवाशीष जरारिया दिल्ली में रहकर आईएएस की तैयारी करते हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए इन्होंने 6 लाख युवाओं को जोड़ने का रिकार्ड बनाया है. मूलत: ग्वालियर के रहने वाले देवाशीष युवाओं के बीच इसलिए ज्यादा लोकप्रिय हैं. राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि देवाशीष मध्य प्रदेश की राजनीति में दलित समाज का एक प्रमुख और स्वीकार्य चेहरा बन चुके हैं. मध्य प्रदेश में जहां दलित समुदाय की आबादी 15.6 फीसद है. वहीं, अनुसूचित जाति के लिए 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं. ऐसे में देवाशीष का कांग्रेस के भविष्य के अहम किरदार माना जा रहा है.
कन्हैया कुमार के नजदीकी हैं जरारिया
देवाशीष जरारिया जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार एवं जिग्नेश मेवाणी के नजदीकी हैं. जरारिया ने ग्वालियर के रामकृष्ण आश्रम में स्कूली शिक्षा के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री प्राप्त की है. वे टीवी चैनलों पर बहस में भी शामिल रहते हैं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले देवाशीष को 2019 के भिंड से कांग्रेस का टिकट दिया गया था. हालांकि, वह यह चुनाव हार गए थे, लेकिन उनके टिकट की सिफारिश सीधे राहुल गांधी ने की थी, जिसके बाद से उनको कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिना जाने लगा था. दिग्विजय सिंह से उनकी पहचान व्यापम के व्हिसिलब्लोअर आनंद राय ने और हीरालाल अलावा ने इंदौर में कराई थी. उसके बाद ही वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे.