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- Admitted To Corona Isolation Ward Of 446 Beds, 138 Positive Consumption Of 6900 Liters Of Medical Oxygen In 24 Hours
खंडवा13 मिनट पहले
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कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर मरीजों को सांस की समस्या होने के कारण मेडिकल ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। जिला अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड के 446 बेड पर 138 पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं। आइसोलेशन के 30 बेड के आईसीयू में 27 गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है। अकेले आइसोलेशन वार्ड में हर दिन 6900 लीटर मेडिकल ऑक्सीजन की खपत हो रही है।
आइसोलेशन वार्ड को ऑक्सीजन औद्योगिक क्षेत्र की एक निजी कंपनी द्वारा प्रतिदिन 150 जंबो सिलेंडर 46.10 लीटर नग वाले 45 हजार रुपए में सप्लाई की जा रही है। जानकारी के मुताबिक अप्रैल, मई और जून में मरीजों की संख्या कम होने के कारण ऑक्सीजन की खपत कम थी, लेकिन जुलाई से संक्रमितों की संख्या में शुरू हुई बढ़ोतरी के साथ ऑक्सीजन की खपत में बढ़ गई। इसे देखते हुए शासन ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट लाने के आदेश दिए। जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दो महीने के भीतर जिला अस्पताल परिसर में प्लांट तैयार हो जाएगा।
सीएमएचओ के तहत 7 सामुदायिक, एक सिविल और 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। यहां पर मेडिकल ऑक्सीजन की खपत बहुत ही कम है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर महीने में तीन से चार जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर ही उपयोग में आते हैं। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर महीने में दो जंबो सिलेंडर की आवश्यकता होती है।
जिला अस्पताल व लेडी बटलर में उपयोग
जिला अस्पताल में मेल-फीमेल मेडिकल व सर्जिकल वार्ड, नेत्र, चिल्ड्रन, आईसीयू, और ट्रामा सेंटर सहित कुल सात वार्ड है। वहीं लेडी बटलर में सर्जिकल के साथ नार्मल डिलेवरी के दो वार्ड है। लेडी बटलर में ही नवजात बच्चों के लिए एसएनसीयू बना हुआ है। जिला अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक हर दिन 8 से 10 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होती है। आईसीयू, एसएनसीयू और सर्जिकल सहित अन्य वार्डों में हर दिन 460 लीटर मेडिकल ऑक्सीजन खर्च होता है। अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई इंदौर की कंपनी करती है।
संदिग्ध वार्ड में 10 की जगह 30 बेड
कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड अभी तक चल रहा था। जिला प्रशासन के पीपीपी(प्राइवेट प्रैक्टिस, फार्मेसी और पैथालॉजी पर आने वाले मरीजों की ट्रेसिंग) मॉडल के कारण संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी। गुरुवार को कोरोना मरीजों के संदिग्ध वार्ड की क्षमता 10 से बढ़ाकर 30 बेड कर दी गई। इसके साथ ही वार्ड को नीचे की बजाय ऊपर शिफ्ट कर दिया गया।
अच्छी खबर… 2 माह में सीएमएचओ कार्यालय के सामने तैयार होगा 10 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट
प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को लगने वाले ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए सिस्टम लगाने के टेंडर किए हैं। जिला अस्पताल में सीएमएचओ कार्यालय के सामने मेडिकल कॉलेज नए भवन के लिए 10 हजार लीटर मेडिकल ऑक्सीजन टैंक का सिस्टम लगाया जाएगा। सिस्टम दो महीने में लगभग नवंबर से दिसंबर महीने के बीच बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए पांच लाख रुपए से भवन निर्माण एवं सिस्टम के तैयार होने पर 35 हजार रुपए प्रति माह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कंपनी को किराया देगा। ऑक्सीजन के उपयोग पर उसकी दर के हिसाब से अलग से कॉलेज प्रबंधन को कंपनी को भुगतान करना होगा। कॉलेज डीन डॉ.अनंत पवार ने बताया लगभग आधी कीमत में ऑक्सीजन हमें उपलब्ध होगी। इससे कॉलेज की आर्थिक बचत भी होगी।
कोरोना के मरीज बढ़ने के कारण जुलाई से ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। हर दिन कोरोना वार्ड एवं वहां के आईसीयू में 150 से ज्यादा जंबो सिलेंडर की खपत हो रही है। शासन के निर्देशन में 2 माह में 10 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल में तैयार हो जाएगा।
-डॉ.अनंत पवार, डीन, मेडिकल कॉलेज
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