Lilasons Ex-employee Dead Body Found In Factory Staff Quarters In Bhopal Govindpura Industrial Area | भोपाल में बुजुर्ग स्टाफ क्वार्टर में खून से लथपथ पड़े थे; चाकू बरामद, दिवालिया होने से लीला संस एंड कंपनी की यह फैक्ट्री बंद है

Lilasons Ex-employee Dead Body Found In Factory Staff Quarters In Bhopal Govindpura Industrial Area | भोपाल में बुजुर्ग स्टाफ क्वार्टर में खून से लथपथ पड़े थे; चाकू बरामद, दिवालिया होने से लीला संस एंड कंपनी की यह फैक्ट्री बंद है


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भोपाल43 मिनट पहले

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भोपाल की अशोका गार्डन पुलिस ने लोगों की सूचना पर मकान से शव बरामद किया। पलंग पर खून से सना चाकू भी मिला है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाई है।

  • हत्या या आत्महत्या अब तक नहीं हो सका खुलासा, अकेले ही रहते थे
  • कर्मचारी बंद बियर फैक्ट्री के स्टाफ क्वार्टर में अवैध रूप से रह रहे हैं

भोपाल के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित लीला संस एंड कंपनी की बंद बियर फैक्ट्री में पूर्व कर्मचारी की खून से लथपथ लाश मिली है। वे स्टाफ क्वार्टर में रह रहे थे। मौके से पुलिस ने खून से सना एक चाकू भी बरामद किया है। हालांकि पुलिस इसमें आत्महत्या और हत्या दोनों ही एंगल से जांच कर रही हे। फैक्ट्री करीब एक साल से बंद बताई जाती है। पिछले दिनों इसी फैक्ट्री में चोरी करने वाले दो चोरों को पुलिस ने पकड़ा था।

एसआई अशोका गार्डन पुलिस थाना अशोक उपाध्याय के अनुसार 61 वर्षीय रामकिशन गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित लीला संस एंड कंपनी की बंद बियर फैक्ट्री के सर्वेंट क्वार्टर में अकेले रहते थे। उनके शव घर के अंदर ही मिला। उनका पेट कटा हुआ था। पलंग पर खून से सना एक चाकू भी मिला है। हालांकि यह साफ नहीं है कि उन्होंने आत्महत्या की है या फिर उनकी हत्या की गई है।

परिजनों की जानकारी तक नहीं

पुलिस को उनके परिजन की जानकारी नहीं मिल पाई है। सिर्फ एक भाई का पता चला है, लेकिन उनसे भी संपर्क नहीं हो सका है। रामकिशन इस बंद पड़ी फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर थे। फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद से उनके पास कोई काम नहीं था। कंपनी से पैसे नहीं मिलने के कारण उनके साथ और कई लोगों ने भी कंपनी के अंदर बने स्टाफ क्वार्टर को छोड़ा नहीं है।

पिछले साल दिवालिया घोषित हो चुकी है कंपनी

मामले की जांच कर रहे एसआई अशोक उपाध्याय ने बताया कि कंपनी पर टैक्स का मामला था। ऐसे में कंपनी पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई। दिवालिया घोषित होने के बाद कंपनी बंद हो गई। ऐसे में यहां काम करने वाले नियमित कर्मचारियों ने कंपनी के ही स्टाफ क्वार्टर को नहीं छोड़ा। नगर निगम और जिला प्रशासन इसे अवैध घोषित कर चुके हैं। लोगों को कई बार क्वार्टर खाली करने का नोटिस भी दे चुके थे। लेकिन न तो कंपनी और न ही कर्मचारियों ने इस पर ध्यान दिया।

रामकिशन को लोग दे जाते थे खाना

रहवासियों ने बताया कि कंपनी बंद होने के बाद से रामकिशन के पास काम नहीं था। पैसा नहीं मिलने के कारण वह कहीं जा भी पा नहीं रहे थे। लॉकडाउन के पहले छोटा-मोटा काम करके अपनी जिंदगी चला रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह भी हाथ से चला गया। ऐसे में लोग ही उन्हें खाने को दे दिया करते थे।

किसी से मांगने में उन्हें शर्म आती थी, इसलिए जो भी घर पर आकर दे जाता था, उसी को खा लेते थे। वह बीते कई दिनों से एक टाइम ही खाना खा रहे थे। मजदूर यूनियन के अध्यक्ष हाकिम सिंह ने बताया कि अगर कंपनी समय पर कर्मचारियों का पेमेंट कर देता, तो कर्मचारियों को परेशानी नहीं होती।

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