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- Gaushalas Closed After Inauguration, Cattle Still Tied In Panchayat Records, Crisis Also Due To Reduced Budget
ग्वालियर4 मिनट पहले
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ये है शिवपुरी-झांसी फोरलेन हाईवे। यहां से रोजाना करीब 10 हजार वाहन निकलते हैं। लेकिन सड़क पर घूमती गायों के कारण हादसाें की आशंका रहती है। रात के समय हादसे हो रहे र्है।
- कांग्रेस ने रोजाना प्रति गोवंश की खुराक के लिए दिए बीस रु और भाजपा ने घटाकर कर दिया 1.60 रुपए
- प्रदेश में एक हजार गौशाला में करीब सात सौ बनकर तैयार, तीन सौ अभी भी अधूरी
प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के पहले एक बार फिर गाय और गौशाला भाजपा और कांग्रेस की प्राथमिकता में आ गए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा की सरकार में गायों की दुर्दशा हो रही है और भाजपा का दावा है कि वह गौशालाओं के लिए कांग्रेस सरकार से भी ज्यादा संवेदनशील है। लेकिन प्रदेश में अब भी गायों को सड़कों से गौशाला तक पहुंचाने की व्यवस्था नहीं हो पाई है। कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में प्रदेश में बनी करीब सात सौ गौशालाओं में से कुछ में ही गायों को रखने की व्यवस्था हो पाई है। ज्यादातर गौशालाओं पर लोकार्पण के इंतजार में ताला लटका है।
जिन गौशालाओं में लोकार्पण के बाद गायों (निराश्रित गोवंश) को रखना शुरू कर दिया था, उनमें से भी कई अब बंद हो गई हैं। लेकिन ये बंद गौशाला कागजों में अब भी चल रही हैं। कुछ जगह गौशाला बजट न होने के कारण बंद हो गईं तो कुछ स्वसहायता समूहों के रूचि न लेने से। इस बीच सरकार ने गायों की खुराक बीस रुपए प्रतिदिन से घटाकर 1.60 रुपए कर दी है। इससे जो गौशाला अभी चल भी रही हैं, उन्हें आगे चलकर दिक्कत होनी तय है। मालूम हो कि पूरे प्रदेश में सात लाख निराश्रित गोवंश है। इनमें से करीब बीस हजार गोवंश ही गौशालाओं में पहुंच पाया है। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे लाखन सिंह भले एक हजार गौशालाएं पूरा होने का दावा कर रहे हों लेकिन हकीकत में अभी सात सौ गौशालाएं ही पूरी हुई हैं। तीन सौ अभी पेंडिंग हैं। पिछली सरकार ने 132 करोड़ रुपए गौशालाओं में गोवंश के चारे-पानी के लिए मंजूर किए थे। लेकिन भाजपा की वर्तमान सरकार ने इसके लिए महज 11 करोड़ का बजट रखा है। यानी भाजपा ने बजट 90 प्रतिशत तक घटा दिया।
संभाग में ये हाल
मुरैना -20 लाख से बनी कुअंरपुरा गौशाला में 80 मवेशी कागजों में बंधे
कमलनाथ ने जिले में 30 गोशाला मंजूर की थी। इनमें से 23 बन चुकी हैं। इनमें से भी सिर्फ 11 गौशाला में ही 917 मवेशी बांधे जा रहे हैं। चार कागजों में चल रहीं। टोड़ी गांव का पुरा में 20.29 लाख से बनी गोशाला में शुभारंभ के बाद तो मवेशी रखे गए लेकिन आज इस गौशाला में एक भी मवेशी नहीं है। जबकि जिपं के रिकॉर्ड में आज भी यहां 80 मवेशी बंधे हुए हैं। टोड़ी का पुरा के रामवीर ने कहा कि आवारा गोवंश से खड़ी फसल नष्ट हो रही हैं।
दतिया- पंडोखर गौशाला में अब एक भी गाय नहीं, खाली पड़ा शेड
कमलनाथ ने जिले में 36 गोशाला स्वीकृत की थीं। 25 गौशालाएं तैयार हैं। 19 का लोकार्पण हो चुका है और विभाग इन सभी 19 को चालू बता रहा है जबकि सिर्फ दो ही चालू हैं। पंडोखर की गौशाला में 18 अगस्त को लोकार्पण के समय गाय थीं। लेकिन अब यहां गाय नहीं हैं। भास्कर ने गौशाला का जायजा लेने पहुंचा तो यहां एक भी गाय नहीं थी। पंचायत सचिव मायाराम यादव से पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली। जनपद सीईओ ऑफिसर सिंह गुर्जर का कहना है कि पंचायत सचिव ही कुछ बता पाएंगे।
शिवपुरी- नेताओं से तारीख न मिलने पर 18 गौशालाओं का लोकार्पण रुका
नेताओं से लोकार्पण की तारीख नहीं मिल पा रही इसलिए 18 गौशालाएं शुरू नहीं हो पा रही जिले में प्रथम चरण में 30 नवीन गौशालाओं को मंजूरी मिली थी। इसमें से से 27 का निर्माण पूरा हो चुका है। इनमें से 9 का लोकार्पण हो चुका है। 18 गौशालाओं पर उद्घाटन के इंतजार में ताले लटके हैं। गाय सड़कों पर घूम रही हैं। यानी 10 करोड़ 26 लाख रुपए की लागत से बनी गौशालाओं का लोकार्पण सिर्फ इसलिए अटका है क्योंकि नेताओं से तारीख नहीं मिल पा रही है। इसके चलते गायों को 9 गौशालाओं में 902 गायों को ही बसेरा मिल पा रहा है। गौशाला के लिए 15 रुपए भूसा और 5 रुपए प्रति गाय पशुआहार के लिए पशु विभाग दे रहा है।

भाजपा के लिए गाय चुनावी मुद्दा
हमने एक हजार गौशाला बना दी थी। ज्यादातर का लोकार्पण हो चुका था। तीन हजार गौशाला और प्रस्तावित थी। हमने प्रति गाय रोजाना 20 रुपए के हिसाब से 132 करोड़ का बजट मंजूर किया था। लेकिन भाजपा की इस सरकार ने तो महज 11 करोड़ का बजट रखा है। इतने में तो कुछ भी नहीं होगा। इससे साफ है कि भाजपा सिर्फ चुनाव के लिए गाय का इस्तेमाल करती है। वे गौशालाएं तक बंद कर दी हैं, जो हमारे समय में पूरी तरह से चालू हो गई थीं।
लाखन सिंह यादव, पूर्व पशुपालन मंत्री
मवेशी बढ़ेंगे तो बजट भी बढ़ जाएगा
कांग्रेस सरकार में एक हजार गौशालाएं बनी ही नहीं हैं। कमलनाथ की सरकार ने सिर्फ सात सौ गौशालाएं बनाई हैं। हमने गौशालाएं जल्द बनाने के लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं। जहां तक बजट कम करने की बात है तो बजट तो घटता-बढ़ता रहता है। मवेशी गौशालाओं में बढेंगे तो बजट भी बढ़ जाएगा। हमारी सरकार लगातार गाय का ध्यान रखती है। जो गौशालाएं चालू थीं, उनमें से कोई बंद नहीं हुई हैँ।
–प्रेम सिंह पटेल, पशुपालन मंत्री, मप्र शासन
700 गौशाला तैयार, कोविड की वजह से अभी कम बजट मिला है
जिले में करीब सौ गौशाला पूरी होने की स्थिति में हैं। इनमें से 260 में करीब बीस हजार गोवंश रखा जा रहा है। 627 पुरानी चल रही हैं। इनमें करीब 1.66 लाख गाय हैं। तीन दिन पहले 30 करोड़ रुपए जारी किए। इस बार सरकार ने 11 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। चूंकि कोविड के कारण वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कम बजट का प्रावधान हुआ।
डॉ आरके रोकड़े, संचालक, पशुपालन विभाग, मप्र
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