पेट्रोल कार और डीजल कार
अगर आप भी इस त्यौहार सीजन में अपनी पसंद की कोई गाडी खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो ये मौक़ा आपके लिए बेस्ट है.
- News18Hindi
- Last Updated:
September 20, 2020, 5:56 AM IST
आइए देखते हैं दोनों कारों में अंतर
डीजल की कार पेट्रोल के मुकाबले अच्छा माइलेज देती हैं. वहीं पेट्रोल के मुकाबले डीजल सस्ता पड़ता है. यही सोचकर लोग डीजल वाली कार खरीद लेते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से डीजल कारों की बिक्री में काफी कमी आई है.
दरअसल बीएस-6 नॉर्म्स लागू होने के बाद कई कार कंपनियां डीजल गाड़ी कम बना रही हैं. वहीं कई मायनों में डीजल की कार खरीदना आपके लिए मंहगा भी साबित हो सकता है. इसके अलावा पेट्रोल इंजन डीजल की तुलना में ज्यादा पावरफुल होता है. पेट्रोल इंजन का माइलेज डीजल इंजन के मुकाबले थोड़ा कम होता है, लेकिन इनका मेनटेनेंस भी सस्ता होता है.ये भी पढ़ें : 2020 के अंत तक आने वाला है Maruti Alto का नया मॉडल, जानिए क्या होगी कीमत और फीचर्स?
मेनटेनेंस पर होता है ऐसे खर्चा
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है. ऐसे में डीजल की कारों पहले के समय की तरह उतनी किफायती नहीं रह गई हैं. पेट्रोल इंजन के मुकाबले डीजल इंजन की लाइफ कम होती है. डीजल कार में साल में एक बार फ्यूल फिल्टर, एयर फिल्टर, ब्रेक फ्लयूड आदि बदलने पड़ते हैं. जबकि पेट्रोल कारों में यह खर्च न के बराबर होता है. हां पेट्रोल कारों में स्पार्क प्लग होता है जिसे 30 से 40 हजार किलोमीटर चलने के बाद बदलाना होता है. जबकि डीजल कारों में यह नहीं होता. डीजल कार में क्लच प्लेट को बदलने का खर्चा पेट्रोल कार की तुलना में दुगुना होता है.
डीजल कार पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक साबित होती हैं. पेट्रोल के मुकाबले डीजल कारों से NO2 का उर्त्सन ज्यादा होता है. जो आपकी सेहत के लिए भी हानिकारक होता है. डीजल कारों से बढ़ते प्रदूषण की वजह से राजधानी दिल्ली में सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है.