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- If You Give Parents In Writing, Then The Children Will Be Able To Come, The Class Will Be Engaged By Rotation, Will Not Be Able To Bring Lunch, 1 Student Will Sit At Every Table.
उज्जैन7 मिनट पहले
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सोमवार से स्कूली गतिविधियां शुरू करने के लिए शनिवार को उत्कृष्ट विद्यालय में क्लास रूम को सैनिटाइज करने आैर सोशल डिस्टेंस के आधार पर बैठक व्यवस्था करने का काम चलता रहा।
- सबसे बड़ा सवाल कल से स्कूल कैसे खुलेंगे? पढ़ाई कैसे होगी? बच्चे कैसे जाएंगे? भास्कर ने तलाशा जवाब
- भास्कर ने ही एक्सपर्ट पैनल के माध्यम से सबसे पहले यह आइडिया स्कूलों को दिया था
(आशीष दुबे) 6 महीने बाद स्कूली गतिविधियां 21 सितंबर से फिर शुरू होने जा रही है। पहले चरण में 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए केवल आंशिक रूप से स्कूली गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। इसमें कक्षाएं संचालित नहीं होगी लेकिन विद्यार्थी छोटे-छोटे समूह में शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकेंगे।
कोरोना से बचाव के लिए शहर के अधिकांश बड़े स्कूलों ने रोटेशन का फार्मूला अपनाया है। अलग-अलग दिन के आधार पर 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जाएगा। भास्कर ने एक्सपर्ट पैनल के माध्यम से सबसे पहले यह आइडिया स्कूल संचालकों को दिया था। जिसका कई स्कूल प्रबंधन अब प्रयोग करने जा रहे हैं। विद्यार्थियों को स्कूल में लंच की अनुमति नहीं होगी। केवल वे पानी की बोतल ला सकते हैं। विद्यार्थियों के पास पालकों की लिखित सहमति होना अनिवार्य है। सोमवार से आंशिक रूप से स्कूल खोलने से पहले शनिवार को स्कूलों में सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंस के आधार पर बैठक व्यवस्था करने का काम चलता रहा।
स्कूलों में इंतजाम: शेड्यूल के आधार पर बुलाए जाएंगे विद्यार्थी
उत्कृष्ट विद्यालय- प्रभारी प्राचार्य वसुंधरा व्यास ने बताया स्कूल में भीड़ न हो, इसके लिए रोटेशन के आधार पर कक्षावार विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। सोमवार को 9वीं, मंगलवार को 10वीं, विषयों के आधार पर बुधवार व गुरुवार को 11वीं और शुक्र व शनिवार को 12वीं के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। लंच की अनुमति नहीं होगी। विद्यार्थी पानी की बोतल साथ में ला सकेंगे।
ऑक्सफोर्ड जूनियर कॉलेज – प्राचार्य आरयू खान ने बताया केवल तीन घंटे का डिस्कशन सेशन रखा जाएगा। सोमवार एवं शुक्रवार को 11वीं और 12वीं के विद्यार्थी व मंगलवार और गुरुवार को 9वीं एवं 10वीं के विद्यार्थी आ सकेंगे। बैठक के लिए एक टेबल पर राइट और पीछे की टेबल पर क्रॉस के निशान लगाए हैं। राइट निशान वाली टेबल पर एक विद्यार्थी बैठ सकेगा।
सेंटमेरी – स्कूल प्रबंधन ने बताया गाइड लाइन अनुसार गेट पर थर्मल स्कैनिंग के बाद प्रवेश दिया जाएगा। परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा। सोशल डिस्टेंस के आधार पर स्कूल में बैठक व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों को लंच की अनुमति नहीं होगी।
सेंटपाल – स्कूल प्रबंधन ने बताया विद्यार्थियों को विषयवार मार्गदर्शन देंगे। एक टेबल पर दो विद्यार्थियों को नहीं बैठाया जाएगा। स्कूल की ओर से परिवहन की कोई सुविधा संचालित नहीं की जाती, इसलिए विद्यार्थियों को आवागमन की व्यवस्था खुद ही करना होगी।
मॉडल स्कूल– प्राचार्य पद्मसिंह चौहान ने बताया विद्यार्थियों की लिस्टिंग कर उन्हें सूचना भेजी गई है। पालकों की लिखित सहमति जरूरी होगी। थर्मल स्कैनिंग और हैंडवॉश जैसी व्यवस्था कर दी गई हैं। स्कूल में कोई भी खेल गतिविधि इस दौरान संचालित नहीं की जाएगी।
इंतजाम के बाद भी 64% पालक बच्चों को भेजने के पक्ष में नहीं
शहर में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण भास्कर ने सर्वे कर 100 पालकों की राय जानी। 64 प्रतिशत पालकों का कहना है कि अभी बच्चों को स्कूल भेजना ठीक नहीं होगा। हालांकि स्कूल संचालकों की सूचना के बाद इनमें से भी कई पालक बच्चों को अंडरटेकिंग के साथ स्कूल भेजने की तैयारी कर रहे हैं। इनके विपरीत 26 प्रतिशत पालकों की राय है कि अगर स्कूल में सैनिटाइजेशन, डिस्टेंस सहित सुरक्षा के अन्य उपाय किए जाते हैं तो बच्चों को स्कूल भेजने में खतरा नहीं है।
स्कूलों में करना होगा गाइड लाइन का पालन: मास्क पहनना अनिवार्य
- विद्यार्थियों के अभिभावकों की लिखित सहमति स्कूल आने के लिए अनिवार्य होगी।
- 6 फीट की शारीरिक दूरी का पालन किया जाए।
- फेस कवर या मास्क का उपयोग अनिवार्यत: हो।
- साबुन से बार-बार हाथों को 40 सेकंड के लिए धोना।
- कक्षाओं की शुरुआत से पहले आैर दिन के अंत में सभी क्लास रूम की सफाई आैर कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट के उपयोग से किया जाना अनिवार्य होगा।
- स्कूल में विद्यार्थियों को एकत्रित नहीं होने दें।
- प्रवेश से पहले थर्मल स्केनिंग आैर हैंडवॉश करवाएं।
- कंटेनमेंट में निवास करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी।
- विद्यार्थियों को नोटबुक, पैन, पेंसिल, बोतल आदि वस्तुओं को साझा करने की अनुमति नहीं होगी।
विद्यार्थी जाना चाहते हैं स्कूल, पालकों की राय – गंभीरता रखना जरूरी
- कई महीनों से स्कूल से दूर हैं। अगर कोई खतरा नहीं हो तो स्कूल जाने में कोई नुकसान नहीं है। स्कूल में दूरी बनाकर रहना, खुद को बार-बार सैनिटाइज करना जैसी आदतें अब सभी अपना चुके हैं। कृतिका शर्मा, छात्रा कक्षा 9वीं
- तीन-चार महीनों में ऑनलाइन कक्षाओं की आदत हो गई है। संक्रमण का खतरा कम होने पर वापस क्लास लगना चाहिए। चाहें तो सप्ताह से दो से तीन दिन कम संख्या के आधार पर भी क्लास लगाई जा सकती है। पर्व कंचन, छात्र कक्षा 10वीं
- जब तक कोरोना संक्रमण की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक सरकार को स्कूल खोलने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। क्योंकि तमाम सख्ती के बाद भी जब कोरोना संक्रमण नहीं रूक रहा तो फिर स्कूल में कैसे इसे रोक पाएंगे। – मुकेश शर्मा, पालक
आंशिक रूप से गतिविधियां शुरू होगी
सरकार के आदेशानुसार सोमवार से आंशिक रूप से स्कूली गतिविधियां शुरू की जाएंगी। कक्षाएं लगाने की अनुमति नहीं रहेगी। केवल विद्यार्थी छोटे-छोटे समूह में शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकेंगे। सभी प्राचार्यों आैर प्रबंधनों को सरकार की गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।
रमा नाहटे, जिला शिक्षा अधिकारी
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