MP: इलाज के अभाव में बच्चे की मौत, आक्रोशित परिवार वालों ने जाम किया सड़क | guna – News in Hindi

MP: इलाज के अभाव में बच्चे की मौत, आक्रोशित परिवार वालों ने जाम किया सड़क | guna – News in Hindi


मामला कैंट थाना क्षेत्र (Kent station Area) के रिछेरा गांव का है. (सांकेतिक फोटो)

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम (Collector Kumar Purushottam) ने बताया कि आरोपियों द्वारा आदिवासी परिवार को बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जा रही थी. मजदूर पहलवान सहरिया का बेटा बीमार था जिसका इलाज भी आरोपियों ने नहीं करवाने दिया.

गुणा. मध्य प्रदेश के गुना जिले (Guna District) में इलाज के अभाव में हरवाहे के मासूम बच्चे की मौत (Death)  हो गई. लेकिन पीड़ित पिता को किसी ने मदद नहीं की. कहा जा रहा है कि बच्चे के पिता ने जमीन मालिक से इलाज के लिए काफी गुहार लगाई पर कोई सहायता नहीं मिला. ऐसे में तड़प- तड़प कर देशराज सहरिया की मौत हो गई.  वहीं, पीड़ित पिता ने दीपक और नीरज जाट (Deepak And Neeraj Jat) पर बंधुआ मजदूरी कराने के आरोप है. परिजनों ने घटना से आक्रोशित होकर शव को कैंट थाने के सामने रखकर सड़क जाम कर दिया. पिरजनों का कहना है कि थाने में पुलिस से शिकायत की थी, पर कोई फायदा नहीं हुआ. परिजनों का आरोप है कि कैंट पुलिस ने लापरवाही बरती और FIR नहीं लिखी. वहीं, बेटे के शव पर शिकायती आवेदन रखकर मां रोती रही.

जानकारी के मुताबिक, मामला कैंट थाना क्षेत्र (Kent station Area) के रिछेरा गांव (Richhera Village) का है. रिछेरा गांव में दीपक जाट और नीरज जाट ने सहरिया आदिवासी समाज के हरवाहे (खेत पर काम करने वाला मजदूर ) पहलवान सहरिया को बंधुआ मजदूर बनाकर रख रखा था. पिछले 5 वर्षों से पहलवान और उसके परिवार से मजदूरी करवाई जा रही थी. बीते रोज जब पहलवान सहरिया के 9 वर्षीय मासूम बेटे देशराज को तेज़ बुखार आया तो मजदूर पिता ने जमीन मालिक दीपक जाट से इलाज के लिए पैसे मांगे, लेकिन पैसे देना तो दूर बल्कि इलाज कराने की अनुमति भी दीपक जाट द्वारा नहीं दी गई. दीपक और नीरज जाट ने मजदूर पहलवान सहरिया के साथ बुरी तरह से मारपीट करते हुए कपड़े फाड़ दिए. और दबंगों ने अपने चंगुल से सहरिया परिवार को मुक्त नहीं किया और खेत पर ही रहने की नसीहत दी.

इलाज के अभाव में बच्चे की तबियत ज्यादा बिगड़ गई
ऐसे में इलाज के अभाव में बच्चे की तबियत ज्यादा बिगड़ गई. फिर, मजदूर माता- पिता बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई. अपने साथ घटित हुई इस अमानवीय घटना से नाराज आदिवासी परिवार ने कैंट थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए बच्चे के शव को रखकर चक्काजाम कर दिया. परिजनों का आरोप था कि शिकायत करने के बावजूद कैंट पुलिस ने उनकी मदद नहीं की बल्कि आरोपियों का साथ दिया. वहीं, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मृतक के परिवार को दी 10 हजार की आर्थिक सहायता और आरोपियों की गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. कहा जा रहा है कि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जारी किए आदेश आरोपी नीरज जाट और दीपक जाट के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं.आरोपियों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि आरोपियों द्वारा आदिवासी परिवार को बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जा रही थी. मजदूर पहलवान सहरिया का बेटा बीमार था जिसका इलाज भी आरोपियों ने नहीं करवाने दिया. इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई. आरोपियों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई करते हुए मजदूर परिवार को पुनर्स्थापित करने के आदेश दिए हैं. वहीं, पुलिस कप्तान राजेश कुमार सिंह ने बताया की आरोपियों की धरपकड़ के लिए रिछेरा गांव में टीम भेजी गई है. इस मामले में भी जो पुलिसकर्मी लापरवाह बने रहे उन्हें निलंबित कर दिया गया है.





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