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- People Remained Closed In Houses In April May, Result Fights Increased In Houses From June To August, 96 Cases Reached Police Station, 6 Families Broken
शाजापुर9 मिनट पहले
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महिला परामर्श केंद्र पर आरक्षक तेजा गोदार और प्रधान आरक्षक मंजुला चौहान महिला की काउंसलिंग करते हुए।
- 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन का असर जून में दिखा
24 मार्च से देशभर में लागू हुए लॉकडाउन के दौरान अप्रैल व मई में घरों में बंद रहे परिवारों के बीच पारिवारिक विवाद के कई मामले सामने आए। स्थिति यह है कि घर से बाहर निकलने की छूट मिलते ही जून माह से घरों में होने वाले विवाद थाने पहुंचने लगे। जून-जुलाई और अगस्त में ही 96 महिलाओं ने थाने पहुंचकर पति, सास व अन्य पर घरेलू हिंसा के मामले दर्ज करा दिए।
हालांकि इनमें से 33 परिवारों को तो महिला परामर्श केंद्र पर बुलाकर समझाइश के बाद सुलह करा दी, लेकिन 6 दंपतियों के बीच इतना विवाद बढ़ा कि तलाक हो गए। विवाह बंधन में बंधे ये परिवार अब हमेशा के लिए टूट गए। इतना ही नहीं 36 अन्य दंपतियों ने कोर्ट में आवेदन लगाकर एक-दूसरे से अलग रहने की ठान ली है। फिलहाल ये तलाक के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। खास बात यह है कि इनमें से कई विवाद सैनिटाइजर व मास्क लगाने की मामूली बात पर होना सामने आए हैं।
महिला परामर्श केंद्र की आरक्षक तेजा गोदार ने बताया कि 2019 में सालभर में घरेलू हिंसा के कुल 218 मामले सामने आए थे। इनमें काउंसिलिंग कराने पर 67 दंपतियों में सुलह हो गई और वे फिर साथ रहने लगे। हालांकि 11 दंपतियों में तलाक हो गया, जबकि 30 शिकायतें पीड़ितों ने वापस ले ली। इनमें से 99 प्रकरण कोर्ट में पहुंच गए। सुनवाई के बाद इनमें से 11 में सजा भी सुना दी गई। जबकि इस साल तीन माह में ही 96 मामले सामने आ गए।
पति के घर से जाते ही सास-ननद सैनिटाइजर व मास्क लगाने की बात पर बहू को करते थे प्रताड़ित
1. एक मामला जिसमें सास द्वारा बहू को सैनिटाइजर नहीं लगाने पर बार-बार ताने मारने का था। इससे नाराज होकर बहू अपने मायके बेरछा आ गई। उसका ससुराल सीहोर जिले के कुरावर जावद में है। इसमें उनकी 1. साल की बेटी और 18 साल का बेटा है। शादी को 20 साल हो चुके हैं। केंद्र पर इनका समझौता 14 अगस्त को हुआ। अब दोनों पति-पत्नी साथ में रह रहे हैं।
2. एक साल पहले दिल्लौद से सलसलाई के पास धतुरिया ब्याही लड़की भी लॉकडाउन में घरेलू हिंसा से तंग आ गई। पति जब ट्रांसपोर्ट की गाड़ी लेकर बाहर चले जाते तब बहू का सास से मास्क, सैनिटाइजर लगाने सहित पुरानी बातों पर झगड़ा होने लगा। विवाद बढ़ा तो बहू मायके आ गई। हालांकि बाद में 2. अगस्त को समझाइश के बाद पति-पत्नी में सुलह हो गई।
3. उमा (बदला हुआ नाम) छिलोचा की रहने वाली है। आला उमरोद के युवक से 2011 में विवाह हुआ। विवाह के दौरान वधु के परिवार के एक लड़के से वर पक्ष के परिवार की एक बेटी ब्याहने का वादा हुआ था, बाद में ससुराल की जिस लड़की की सगाई होने की बात हुई थी, उसने इंकार कर दिया। लॉकडाउन में मामला थाने तक पहुंच गया। 24 अगस्त को दोनों को परामर्श केंद्र पर बुलाकर सुलह करा दी।
4. रमेश (बदला हुआ नाम) गेहूं काटने दिल्लौद गया था। उसके साथ पत्नी सुनीता (बदला हुआ नाम) भी आ गई, क्योंकि सुनीता का मायका दिल्लौद है। जब रमेश गेहूं कटाई करता तो पत्नी खाना देने के बजाए मायके के घर चली जाती। इससे दोनों के बीच विवाद हुआ और नाराज होकर रमेश वापस अपने घर पुरीखेड़ा भैरवगढ़ उज्जैन आ गया। केंद्र पर दोनों को बुलाकर 5 सितंबर को समझौता कराया।
परामर्श केंद्र पर मनोवैज्ञानिक के नहीं होने पर आरक्षकों ने संभाली जिम्मेदारी लॉकडाउन के बाद से अचानक घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए। महामारी के कारण केंद्र पर कोई मनोवैज्ञानिक भी मौजूद नहीं था। ऐसे में महिला व उनके परिवार की काउंसलिंग करने के लिए केंद्र पर उपस्थित आरक्षक तेजा गोदार व प्रधान आरक्षक मंजुला चौहान ने ही मनोवैज्ञानिक की भूमिका निभाते हुए काउंसलिंग करना शुरू की। तीन माह में आए कुल 96 मामलों में से 33 परिवारों में आरक्षकों ने ही सुलह कराकर टूटते रिश्तों को जोड़ दिया।
चार साल विवाहित जीवन बिताने के बाद दो परिवार हमेशा के लिए टूट गए
गर्भपात होने पर तलाक दे दिया
1. सारंगपुर निवासी युवक का विवाह 4 साल पहले वर्ष – 201. में सुनेरा की रहने वाली लड़की से हुआ था। विवाह का कुछ समय अच्छा बीता, लेकिन इस बीच दो बार उक्त विवाहिता गर्भवती होने के बाद गर्भपात हो गया। इसको लेकर लॉकडाउन के दौरान ससुराल वालों ने विवाहिता को छोड़ने का निर्णय ले लिया। संक्रमण के खतरे के कारण रिश्तेदार व परिवार के बुजुर्गों को भी समझाने का मौका नहीं मिला। दोनों ने एक दूसरे से तलाक लेकर एक दूसरे से अलग हो गए।
शराब ने कर दिया पति-पत्नी को दूर
2. चार साल पहले वर्ष-2016 में शाजापुर जिले के ग्राम मोरटा केवड़ी निवासी युवक का गांव की ही लड़की से विवाह हो गया। युवक के शराब पीने की बात को लेकर पति-पत्नी में विवाद होने लगा। नौबत यहां तक पहुंच गई कि लड़की अपने मायके में ही रहने लगी। खास बात यह है कि सामाजिक स्तर पर समझाइश देने के बाद भी दोनों के बीच दूरियां कम नहीं हो सकी और दोनों ने एक दूसरे से तलाक ले लिया। यह परिवार भी अब हमेशा के लिए टूट गया।
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