मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
विधानसभा में कांग्रेस विधायक (Congress MLA) जयवर्धन सिंह के एक सवाल पर कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal patel) ने जवाब दिया था कि प्रदेश में 51 जिलों में किसान कर्ज माफी हुई है.
मध्यप्रदेश में किसान कर्ज माफी को लेकर सियासत तेज हो गई है. कर्ज माफी पर विधानसभा में दी गई जानकारी को अब कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ने गलत ठहराया है. उन्होंने कहा इस जानकारी की पूरी जांच के आदेश दिए गए हैं. कृषि मंत्री कमल पटेल ने जो जानकारी दी थी वह ठीक नहीं है. कर्ज माफी के आंकड़ों को गलत तरीके से दिया गया है. प्रदेश में कर्ज माफी नहीं हुई है. तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 10 दिन में कर्ज माफी का वादा किया था. लेकिन 15 महीनों के अंदर भी उन्होंने कर्ज माफी के अपने इस वादे को पूरा नहीं किया.
कृषि मंत्री को गलत ठहराया
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा विधानसभा में कृषि मंत्री कमल पटेल ने जो जानकारी दी वो ठीक नहीं थी. विधानसभा में अधिकारियों द्वारा दी गयी जानकारी गलत है. मध्य प्रदेश में कर्ज माफी नहीं हुई है. मामले की जांच कराएंगे. गलत जानकारी क्यों दी गयी.इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. कर्ज माफी में सिर्फ आंकड़ों का खेल खेला गया है.
विधानसभा में दी गई थी ये जानकारी
विधानसभा में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के एक सवाल पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने जवाब दिया था कि प्रदेश में 51 जिलों में किसान कर्ज माफी हुई है. राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि 27-12-2019 से पहले किसान कर्ज माफी का पहला चरण और 27-12-2019 के बाद किसान कर्ज माफी का दूसरा चरण चलाया गया था. विधान सभा में शिवराज सरकार ने यह भी माना कि प्रदेश में किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्जा माफ हुआ है. सरकार ने कमलनाथ सरकार के दौरान गुना, बमोरी, राघोगढ़, मधुसूदनगढ़, चाचौड़ा, कुंभराज और आरोन में भी 17403 किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्जा माफ होने की जानकारी दी. राज्य सरकार के विधानसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में किसान कर्ज माफी हुई है. ये वो समय था जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी. कांग्रेस किसानों के कर्ज़माफी के मुद्दे पर ही राज्य में सत्ता में आयी थी.