Sant Singaji Samadhi Sthal declared as a religious tourist place, 1.55 crore will be spent on its development, Mundi-Killaud will be tehsil | मुख्यमंत्री ने कहा- महिलाओं के समूह बनाएंगे पोषण आहार; संत सिंगाजी समाधि स्थल धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित

Sant Singaji Samadhi Sthal declared as a religious tourist place, 1.55 crore will be spent on its development, Mundi-Killaud will be tehsil | मुख्यमंत्री ने कहा- महिलाओं के समूह बनाएंगे पोषण आहार; संत सिंगाजी समाधि स्थल धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित


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खंडवा25 मिनट पहले

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सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कागज दिखाते हुए कहा कि सिंगाजी समाधि स्थल को पर्यटन स्थल बनाएंगे।

  • इसके विकास पर खर्च होंगे 1.55 करोड़, मूंदी-किल्लौद बनेंगी तहसील
  • पुनासा को बनाएंगे नगर पंचायत, ओंकारेश्वर में पात्रों को मिलेंगे पट्‌टे

विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पुनासा के स्टेडियम में बुधवार को हुई पहली सभा में बड़ी घोषणाएं हुईं। इसमें मूंदी-किल्लौद को तहसील, संत सिंगाजी समाधि स्थल को धार्मिक पर्यटन नगरीय घोषित कर उसके विकास के लिए 1.55 करोड़ रुपए की स्वीकृति से लेकर पुनासा को नगर पंचायत बनाने, ओंकारेश्वर में पात्र रहवासियों को पट्‌टे देने जैसी बड़ी घोषणाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री चौहान के भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार के समय की गई कर्ज माफी पर निशाना साधा गया। उन्होंंने कर्जा माफ नहीं हुआ। पूर्व विधायक नारायण पटेल की मांग पर उन्होंने संत सिंगाजी समाधि स्थल के विकास के लिए 22 सितंबर को स्वीकृत 1.55 करोड़ रुपए का स्वीकृति पत्र भी दिखाया। इसके तहत समाधि की ओर जाने के लिए तीन मीटर चौड़ा व दो सौ मीटर लंबा कवर्ड पाथ-वे बनाया जाएगा। वहीं मंदिर के सामने 300 वर्गफीट का शेड श्रद्धालुओं के लिए बनेगा। मंच पर पूर्व विधायक पटेल व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने मांधाता क्षेत्र की जनता की मांगें भी रखी, जिसे सीएम ने स्वीकार किया।

फसल बीमा की राशि को लेकर सीएम ने कहा फसल बीमा का सर्वे कमलनाथ ने कराया था। न जाने कैसा सर्वे कराया था? लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आने वाले समय में फसल बीमा की कमियों को दूर करेंगे। उन्होंने पुनासा उद्‌वहन सिंचाई योजना के माइक्रो एरिगेशन का दोबारा से डीपीआर और बोराड़ीमाल के सात गांवों को भी सिंचाई योजना में शामिल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कमलनाथ ने वल्लभ भवन को दलालों का अड्‌डा बना दिया था। वे विधायकों को कहते थे जाओ और ठेकेदारों को कहते थे आओ।

मुख्यमंत्री की सभा में यह प्रमुख नेता शामिल हुए
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष सेवादास पटेल, राजपाल तोमर, शशि कपूर, गोविंदसिंह तोमर, सूरजपाल सिंह सोलंकी, विजयबहादुरसिंह तोमर, दिग्विजय सिंह तोमर, लक्ष्मीनारायण तोमर, अंतरसिंह बारे, चेतराम नायक, मोहन राठौर, अनिता श्रीवास्तव, गंगा प्रसाद, जगदीश सनखेड़िया, चंदू पवार, शैलेंद्रसिंह तोमर, अवतारसिंह खनुजा, देवीकिशन चौधरी, संतोष मीणा, उत्तम पटेल, सखाराम यादव, इंदु दुबे, आशीष चटेकेले, दीना पवार, महेश चौधरी, प्रीतम पटेल, दीपक पटेल, संटू दादा मौजूद थे।

नहीं लिया ज्ञापन, महिलाएं बोलीं- भाषण देकर चले गए
सीएम ने हर बार की तरह इस बार भी किसी से ज्ञापन नहीं लिया। अपनी समस्याओं का पुलिंदा लेकर महिला-पुरुष मुख्यमंत्री चौहान के मंच से उतरने का इंतजार करते रहे लेकिन वे मंच से उतरकर बिना ज्ञापन लिए ही चले गए। इस बात से नाराज खंडवा से पुनासा पहुंची महिला ने कहा मैं निजी ऑटो करके आई थी। मेरा पति निजी नौकरी करता है, उसे स्थायी नौकरी दिलवाई जाए लेकिन हमारी सीएम शिवराजसिंह चौहान ने नहीं सुनी। वे भाषण देकर चले गए।

कृषि मंत्री बोले-
मांधाता क्षेत्र में 100 फीसदी फसल खराब, किसानों को मिलेगा 107 करोड़ का मुआवजा

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा मांधाता क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से 100 फीसदी फसलों की क्षति हमनें मान ली है। क्षेत्र के 42 हजार 100 किसानों को 107 करोड़ का मुआवजा मिलेगा। यहां पर सोयाबीन, मिर्च, कपास और अन्य सभी फसलें नुकसान में शामिल कर ली गई है। पटेल ने कहा सबसे बड़ा झूठ बोलने वाला मुख्यमंत्री कमलनाथ है। 2018 का मुआवजा मार्च 2019 के पहले मिल जाना चाहिए था लेकिन कुंडली मारकर बैठे कमलनाथ ने कुछ नहीं किया। इसलिए जनता ने नाथ को अनाथ कर कमल का फूल खिलाया। कमल का फूल खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है। सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने बताया अब एक बार फिर से हमें भाजपा प्रत्याशी पटेल को विजयी बनाना है।

बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नेता-कार्यकर्ताओं की उमड़ी भीड़, किसी को नहीं था कोई डर
सीएम की सभा में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जारी सभी गाइडलाइन टूट गई। मंच पर नेताओं और नीचे कार्यकर्ताओं की भीड़ सभा स्थल से लेकर बाजार तक दिखाई दी। मास्क नहीं पहनने वालों पर कार्रवाई करने वाले अफसर भी वीआईपी ड्यूटी में लगे रहे।

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