No one can escape the consequences of karma in the world as you will get: Prateek Sagar | संसार में कर्मफल से कोई नहीं बच सकता जैसा करोगे वैसा मिलेगा: प्रतीक सागर

No one can escape the consequences of karma in the world as you will get: Prateek Sagar | संसार में कर्मफल से कोई नहीं बच सकता जैसा करोगे वैसा मिलेगा: प्रतीक सागर


दतियाएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

संतों का काम मनुष्य को धर्म का मार्ग दिखाना है। जीवन में धन तो हर कोई कमा सकता है, लेकिन भक्ति करने का सौभाग्य हर किसी के नसीब में नहीं होता है। प्रभु भक्ति का धन जो कमा लेता है उसका कल्याण होता है। धन का सदैव उपयोग धर्म के कार्यों में आवश्यक करना चाहिए। यह विचार क्रांतिकारी मुनिश्री प्रतीक सागर महाराज ने गुरुवार को सोनागिर स्थित आचार्यश्री पुष्पदंत सागर सभागृह में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि संसार में कर्म फल से कोई नहीं बच सकता है। जैसे कर्म करोगे वैसे फल मिलेंगे। पीड़ित जीव की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। सेवा और पूजा समझकर किए गए कार्य खुद के लिए तो प्रसन्नता दायक होते ही हैं, इससे भगवान भी खुश होते हैं। कर्म ऐसे करें कि हमें पछताना न पड़े। मुनिश्री ने कहा कि जिसका स्वभाव सरल हो, मन निर्मल हो और जो मिल जाए उसी में संतोष हो ऐसे व्यक्ति दुनिया में विरले ही होते हैं।

मुनिश्री ने कहा कि बुरे कर्मों का त्याग करना चाहिए तथा अच्छे कर्म सदैव करने चाहिए। अच्छे कर्म करने पर भी अभिमान नहीं रखना चाहिए। अभिमान होना बहुत सहज हैं, लेकिन यह पतन का कारण भी बनता है। इसलिए काम करने के बाद उसे भगवान को समर्पित कर देना चाहिए। इससे अभिमान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि निरपेक्ष भाव से अच्छे श्रेष्ठ कर्म सदैव करने पर परमात्मा की प्राप्ति होती है। मुनिश्री ने कहा कि भौतिकता की अंधी दौड़ में मनुष्य पाप कर्म करने से जरा भी हिचकता नहीं है। आज युवतियों का धन फैशन और युवकों का धन व्यसन में बर्बाद हो रहा है। धन का हमेशा सदुपयोग करना चाहिए। जिससे अच्छा स्वास्थ्य और सुविधाएं प्राप्त हो सके।

0



Source link