शिवपुरी6 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
पोहरी, बैराड़ और शिवपुरी तहसील में जमीन घोटाले के खुलासे के पीछे अहम योगदान पोहरी एसडीओपी निरंजन सिंह राजपूत का है। दरअसल एसडीओपी राजपूत पुलिस विभाग में आने से पहले तहसीलदार के पद पर पदस्थ थे। तहसीलदार के रूप में कार्य करने की वजह से राजस्व विभाग के जमीनों से संबंधी सारी बारीकियां अच्छी तरह से समझते हैं। इसी के चलते जैसे ही फर्जी पट्टे की शिकायत सामने आई, उन्होंने जांच में कड़ी से कड़ियां मिलाते हुए तहसील व रिकार्ड शाखा के बाबू, कर्मचारी और पटवारियों को कार्रवाई में शामिल कर लिया।
एसडीओपी राजपूत का कहना है कि जमीन घोटाला बड़ा है। राजस्व विभाग से जमीनों से संबंधित रिकार्ड मांगा है। जितनी जल्दी रिकार्ड मिलेगा, जांच उतनी ही जल्दी आगे बढ़ेगी। वहीं शुरूआती दौर में 250 हैक्टेयर जमीनों के फर्जी पट्टे जारी होने की बात सामने आई थी। लेकिन धीरे-धीरे जांच बढ़ रही है, फर्जी पट्टे 350 हेक्टेयर के आसपास पहुंच सकते हैं। बताया जा रहा है कि रिकार्ड शाखा शिवपुरी में पदस्थ जिस बाबू के हस्ताक्षर से नकल जारी होती थीं और दस्तावेज लीक करने वाले बाबू अभी पुलिस की जांच की जद में आना बाकी है।