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- Railways, Petroleum Companies Should Not Be Privatized; Ajax And Bhim Army Submitted Separate Memorandum To Prime Minister And President
मुरैना4 घंटे पहले
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केंद्र सरकार रेलवे, एयरपोर्ट, पेट्रोलियम कंपनियां सहित कई अन्य नवरत्नों का निजीकरण कर रही है, यह देश की जनता व यहां काम करने वाले उन हजारों कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ है, जो अपनी रोजी-रोटी के लिए इन पर आश्रित है। अत: केंद्र सरकार को अपने इस कदम को तुरंत वापस लेना चाहिए। यह मांग गुरुवार को मप्र अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन (अजाक्स) ने प्रधानमंत्री के नाम प्रशासनिक अफसरों को सौंपे ज्ञापन में कही है।
ज्ञापन में कहा गया है कि रेलवे, पेट्रोलियम कंपनी, बैंक, एयरपोर्ट का निजीकरण न किया जाए। इसमें जनता की गाढ़ी कमाई का पसीना लगा हुआ है। सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए वह अपने इन नवरत्नों को बिकने से रोके और अगर वे घाटे में हैं तो उन्हें उबारने के लिए राहत पैकेज ारी करे। ज्ञापन में कहा गया है कि निजीकरण से लाभ होता तो देश की निजी स्वामित्व की 50 प्रतिशत कंपनियां बंद नहीं होतीं। रेलवे, पेट्रोलियम कंपनी इतनी पुरानी संस्थान हैं कि यह देश के विकास की आधारशिला हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष राजवीर अग्निहोत्री, राज वर्मा, जगन्नाथ प्रसाद, राम, गनेश गौतम, शिवम जाटव, लोकेंद्र जाटव आदि लोग शामिल हैं।
वहीं भीम आर्मी की ओर से जिलाध्यक्ष सुशील कुमार, नीरज चंदसौरिया, अनिकेश, योगेंद्र सिंह भारती, अनुराग कौशल, विवेक तेनवार, बृजेश कुमार, कुलदीप बंसल, प्रदीप बौद्ध, मोहम्मद कासिम पठान ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर सरकारी कंपनियों के निजीकरण के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है।
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