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- Farmers Distributed Leaflets To Boycott The By elections In The Morning In Protest Against The Agricultural Bill, And Took Out A Torch Procession In The Evening.
डबरा16 घंटे पहले
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कृषि बिल के विरोध में रविवार की शाम डबरा शहर में अर्द्धनग्न होकर मशाल जुलूस निकालकर प्रदर्शन करते हुए किसान।
- किसानों ने पर्चे में चेतावनी दी कि वोट मांगने वालों को गांवों में नहीं घुसने देंगे, पोलिंग बूथ भी नहीं बनने देंगे; 46 गांवों के किसानों ने चुनाव का बहिष्कार करने की जताई सहमति, मंत्री बोलीं- किसानों के लिए खुद की पार्टी से लड़ूंगी
विगत आठ दिनों से कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों ने शासन व प्रशासन द्वारा आंदोलन की अनदेखी किए जाने के चलते उपचुनाव का बहिष्कार किए जाने का ऐलान किया है। इसके लिए किसानों द्वारा बाकायदा पर्चे छपवाकर बांटे जा रहे हैं। इसके अलावा गांव-गांव में किसानों से सहमति पत्र भी भरवाए जा रहे हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि वे गांवों में पोलिंग बूथ नहीं बनने देंगे और वोट मांगने के लिए आने वाले नेताओं को गांव में नहीं घुसने देंगे।
वहीं किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का जनप्रतिनिधियों को भी सामना करना पड़ रहा है। कृषि मंत्री के अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्री केे खिलाफ किसान नारेबाजी कर रहे हैं। जिसके चलते अब वह भी बचते नजर आ रहे हैं। किसानों ने रविवार सुबह बाजारों में उपचुनाव का बहिष्कार करने के लिए पर्चे बांटे। वहीं देर शाम तक बाजारों में किसानों ने अर्द्धनग्न होकर मशाल जुलूस निकाला। इस दौरान उन्हांने किसान एकता जिंदावाद के नारे भी लगा। उधर एसडीएम प्रदीप कुमार शर्मा का कहना है कि विरोध कर रहे किसानोें को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
कृषि मंडी से सिंधिया चौराहे तक निकाला अर्द्धनग्न जुलूस
आंदोलन कर रहे किसानों ने रविवार को रात के समय अर्धनग्न होकर शहर के मुख्य मार्गों से होकर मशाल जुलूस निकाला। कृषि उपज मंडी गेट से शुरू हुआ यह जुलूस कटारिया चौराहा अग्रसेन चौराहा से होता हुआ माधवराव सिंधिया चौराहे से फिर वापस मंडी गेट पर पहुंचकर समाप्त हुआ। इस दौरान किसानों ने जमकर किसान एकता को लेकर नारे लगाए।
बहिष्कार किए जाने को लेकर हम किसानों से बातचीत कर रहे हैं: वहीं डबरा एसडीएम प्रदीप कुमार शर्मा का कहना है कि उपचुनाव के बहिष्कार किए जाने को लेकर हम किसानों से बातचीत कर रहे हैं। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों भी अवगत करा दिया है।
किसानों के लिए मैं खुद की पार्टी से लड़ूंगी: इमरती
किसानों के विरोध का सामना अब जनप्रतिनिधियों को करना पड़ रहा है। गत दिवस शहर से होकर निकलते समय प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल की गाड़ी रोककर किसानों ने काले झंडे दिखाए थे और गाड़ी पर भी फेंके थे। वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी सुमन को भी किसानों ने घेरने का प्रयास किया तो वह बिना रुके सीधे निकल गईं। जिसके चलते किसानों ने मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। बाद में मंत्री सुमन द्वारा कहा गया कि किसानों को धान का भाव तो अच्छा मिलना ही चाहिए। किसानों की फसल माटी के भाव में नहीं जानी चाहिए, इसके लिए वह अपनी खुद की पार्टी से किसानों के लिए लड़ेंगी। जरूरत पड़ी तो वह मुख्यमंत्री से भी जाकर मुलाकात करेंगी।
विरोध के लिए 46 गांव के किसानों ने जताई सहमति
उपचुनाव को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा गांव गांव जाकर किसानों से सहमति ली जा रही है। किसानों का कहना है कि अभी तक 46 गांवों द्वारा इसके लेकर सहमति दी जा चुकी है। इसके अलावा भी वह सभी गावों में जा रहे हैं। पूरी विधानसभा के सभी गांवों में ही उपचुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। क्योंकि आठ बीतने के बाद भी शासन की ओर से उनके पास कोई नहीं आया है। इससे किसानों के वोट के किसी को जरूरत ही नहीं है।
हमारे आंदोलन की शासन प्रशासन अनदेखी कर रहा है
20 सितंबर से हम आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन शासन व प्रशासन की ओर से हमारे पास अभी तक कोई नहीं आया है। इसी के चलते उपचुनाव का बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। 46 गांवों द्वारा सहमति दे दी गई है, अन्य गांवों में भी जा रहे हैं। गांवों में न तो पोलिंग बूथ बनने देंगे और न ही शासन व प्रशासन की ओर से आने वालों को गांव में घुसने देंगे।
राज रावत, किसान डबरा