शिवपुरी10 घंटे पहले
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- दूसरों के जीवन में रोशनी लाने के लिए एक शिक्षक अपने परिवार के साथ अन्य लोगों को भी जोड़ा
इस बार आप मेरे जन्मदिन पर कोई उपहार ना दें, यह कोरोना काल है और ऐसे समय में यदि आप दूसरे के जीवन में रोशनी ला सकें तो यही मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार होगा। इसलिए मैं चाहता हूं कि मेरे जन्मदिन के अवसर पर आप सब मुझे उपहार में मरणोपरांत अपनी आंखें दान करने की घोषणा करें ,ताकि किसी दूसरे व्यक्ति को नई आंखें मिल सके।यह बात प्राथमिक विद्यालय गडरौली में पदस्थ शासकीय शिक्षक साकेत पुरोहित ने अपने माता-पिता, भाई -भाभी और मित्रों से लिया। खास बात यह है कि 52 सदस्य गुरुवार को आने वाले जन्मदिन पर रक्तदान नेत्रदान का संकल्प पत्र भरेंगे।
पिछोर निवासी समाजसेवी युवा शिक्षक सामाजिक गतिविधियों से जुडे है इसलिए हर बार अपने जन्मदिन को वह सामाजिक गतिविधियों के कार्यक्रम से जोड़ते है। साकेत ने इस बार अपने जन्मदिन पर केक काटने और अन्य उपहारों को लेने की बजाए तय किया है कि वह लोगों से उपहार में आंखें दान करने का संकल्प पत्र भरवाए इसके लिए सबसे पहले उन्होंने अपने पिता कृष्ण कुमार पुरोहित, मां उर्मिला पुरोहित, भैया रमन और भाभी नंदनी को प्रस्ताव दिया और उन्होंने नेत्रदान करने की स्वीकृति दे दी, इनके साथ ही उसने अपने मित्र और मार्गदर्शक बृजेश सिंह तोमर,कीर्ति ठाकुर,चंद्रशेखर पुरोहित, विवेक कटारे, भारत त्रिपाठी,नेहा सहित तकरीबन 30 अन्य लोगों से भी संकल्प पत्र भरवा लिए हैं ।और गुरुवार को आयोजित होने वाले जन्मदिन के कार्यक्रम में वह सामूहिक रूप से संकल्प पत्र भरवा कर लोगों को नेत्रदान करने प्रेरित करेंगे। वैसे भी इस देह का विसर्जन होना है। लेकिन मरने के बाद यदि हम अपनी आंखों को दान समय पर कर सके तो इससे दूसरे व्यक्ति की आंखों में रोशनी आएगी और हमारा यह संकल्प साकार हो जाएगा ।
पिछले बार 71 लोगों ने किया था रक्तदान
साकेत ने बताया कि पिछले साल जब उनका 27 वां जन्मदिन था तब उनके परिवार के सदस्यों और मित्रों ने मिलकर 71 सदस्यों ने अपना रक्तदान किया था। रक्तदान करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है और हर व्यक्ति रक्तदान की गतिविधि से जुड़े इस वजह से 27 वें जन्मदिन पर लोगों ने रक्तदान किया और अब 28 वें जन्मदिन पर 50 से अधिक लोगों को नेत्रदान के लिए वह संकल्प पत्र भरवाएगे।
भास्कर से मिली प्रेरणा
साकेत पुरोहित ने बताया कि दैनिक भास्कर में नेत्रदान के लिए अपील की गई थी इसके तहत कोटा के हॉस्पिटल में लायंस क्लब द्वारा संचालित आई डोनेशन बैंक में हमने नेत्रदान का संकल्प लिया।वहां के अधिकारियों ने बताया कि कोटा से शिवपुरी पहुंचने में 5 घंटे का समय लगेगा और इतने समय सुरक्षित मृत व्यक्ति की आंख को रखा जा सकता है। इस वजह से हमने अपने परिवार के साथ मित्रों को भी इस अभियान से जोड़ा है।