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भोपाल19 मिनट पहले
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कांग्रेस में अब धीरे-धीरे उम्मीदवारों को लेकर विरोध शुरू होने लगा है। ऐसे में पार्टी अब हर कदम सोच विचार कर रख रही है।
- मुरैना, मेहगांव, मलहरा और ब्यावरा से अधिक उम्मीदवार को लेकर घमासन
- फूल सिंह बरैया के खिलाफ भोपाल के कोलार थाने में शिकायत की गई
मध्य प्रदेश में होने जा रहे 28 सीटों के उपचुनाव के उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी कलह सामने आ गई है। यही कारण है कि अब शेष चार सीटों मुरैना, मेहगांव, मलहरा और ब्यावरा के लिए शनिवार को होने वाले ऐलान को टाल दिया गया। इसको लेकर अब आला नेताओं में मंथन शुरू हो गया है। इतना ही नहीं मुरैना और बदनार सीट से भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जबकि पार्टी ने दो किस्तों में 24 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इधर पार्टी के एक अन्य महत्वपूर्ण उम्मीदवार और बड़े नेता फूल सिंह बरैया के खिलाफ ब्राह्मण समाज आ गया है।

नाम तय, औपचारिक घोषणा करना शेष
जानकारों के अनुसार चारों विधानसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशी को लेकर अंतिम मंथन किया जा चुका है। अब सिर्फ नामों की औपचारिकता रह गई है। हालांकि पार्टी नामों की घोषणा करने से पहले विरोध के सुर को परख रही है, ताकि उसे शांत किया जा सके। इस बीच आज प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक भोपाल आए हुए हैं। वे सभी क्षेत्रों के दावेदारों से भी मुलाकात कर उनकी राय जानने का प्रयास कर रहे है।
ब्यावरा में दिग्विजय की पसंद
कांग्रेस के विधायक गोवर्धन सिंह दांगी के निधन से खाली हुई राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया हैं । यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पसंद पर प्रत्याशी चयन की पूरी संभावना है। जिन नामों पर विचार चल रहा है। उनमें पूर्व विधायक रामचंद्र दांगी और पुरुषोत्तम दांगी शामिल है। साथ ही सहानुभूति वोट आने की दृष्टि से दिवंगत विधायक गोवर्धन दांगी के पुत्र ओम दांगी के नाम पर भी विचार हो सकता है। इस क्षेत्र में हर बार जाति के समीकरण को साधने की दृष्टि से पार्टी टिकटों का वितरण किया जाता है। दांगी और सोंधिया बाहुल्य वाले इलाके में लोधी, गुर्जर, मीणा और यादव मतदाता निर्णायक साबित होते हैं। यहां से दिग्विजय सिंह की पसंद ज्यादा मायने रखी है।
मलहरा में जातिगत समीकरण महत्वपूर्ण
विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के त्यागपत्र के बाद खाली हुई छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी चयन को लेकर पेंच फंसा हुआ है। मुद्दा जातिगत समीकरण के आधार पर यादव या लोधी को टिकट दिया जाने को लेकर है। भाजपा से तीन बार विधायक रहे रेखा यादव को कांग्रेस में शामिल कराने के लिए जोरदार राजनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं। यदि यह संभव हुआ तो उन्हें प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जिन नामों पर कांग्रेसी नेता विचार कर रहे हैं, उनमें 2013 में प्रत्याशी रहे तिलक सिंह लोधी, जिला पंचायत सदस्य दिनेश यादव और टीकमगढ़ जिले से जनशक्ति पार्टी के विधायक रहे अजय यादव के नाम शामिल है।
मुरैना में दो नामों पर मंथन
कांग्रेसी विधायक रघुराज कंसाना के इस्तीफे के बाद मुरैना विधानसभा सीट पर कांग्रेस के दो प्रबल दावेदार राकेश मावई और दिनेश गुर्जर के बीच प्रत्याशी चयन को लेकर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। राकेश मावई सिंधिया समर्थक माने जाते थे और वे कांग्रेस छोड़ कर दो-चार दिनों के लिए भाजपा भी ज्वाइन कर चुके थे और बाद में फिर से कांग्रेस में वापसी की। वर्तमान में वे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं और पार्टी के आंतरिक सर्वे में उन्हें चुनाव जीतने के योग्य प्रत्याशी माना गया है। जबकि दिनेश गुर्जर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के समर्थक होने के साथ ही वर्तमान में किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
मेहगांव में सबसे ज्यादा समस्या
भिंड जिले की मेहगांव सीट में कांग्रेस के लिए प्रत्याशी चयन सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। सर्वे के बाद चुनाव जीतने योग्य प्रत्याशी के रूप में सामने आए चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी के नाम पर पार्टी के ही कई वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बाद यह स्थिति निर्मित हुई है। लगभग 1 वर्ष पहले कांग्रेस में घर वापसी करने वाले राकेश चतुर्वेदी 10 वर्ष पहले ही विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उप नेता रहते हुए भी अचानक भाजपा में चले गए थे। उनकी यही भूल अब उनके रास्ते का सबसे बड़ा कांटा बन गया है। इसके अतिरिक्त विकल्प के रूप में पूर्व विधायक हेमंत कटारे का नाम सामने आया है। उन्हें कमलनाथ की पसंद बताया जा रहा है। जबकि राकेश चतुर्वेदी का विरोध करने वाले दिग्विजय सिंह सहित अधिकांश पार्टी नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यहां से पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के भांजे राहुल सिंह भदौरिया को पार्टी टिकट दिया जाए।
फूल सिंह बरैया के खिलाफ शिकायत
इधर, ब्राह्मण समाज ने कोलार थाने में भांडेर से कांग्रेस उम्मीदवार फूल सिंह बरैया के खिलाफ शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने ब्राह्मण समाज की महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द कहे हैं। उनकी तुलना एक जानवर से की है। उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
बदनावर में भी विरोध
इधर, बदनाम से भी विरोध के सुर प्रबल होने लगे हैं। ऐसे में पार्टी यहां से उम्मीदवार तक बदलने के बारे में सोचने लगी है। हालांकि अभी तक कुछ भी तय नहीं किया जा सका है।