3 ghats of Narmada, Tilwara, Lamheta and New-Bhedaghat in disrepair with flood | बाढ़ के साथ अनदेखी में और उजड़ गये नर्मदा के 3 घाट, तिलवारा, लम्हेटा और न्यू-भेड़ाघाट बदहाल

3 ghats of Narmada, Tilwara, Lamheta and New-Bhedaghat in disrepair with flood | बाढ़ के साथ अनदेखी में और उजड़ गये नर्मदा के 3 घाट, तिलवारा, लम्हेटा और न्यू-भेड़ाघाट बदहाल


जबलपुर19 घंटे पहले

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  • एक आध्यात्मिक तो दो पर्यटन के लिहाज से उपयोगी पर जिम्मेदारों की इन पर नजर नहीं बीते दो सालों से एक सी हालत में

नर्मदा के घाटों को इस बार बाढ़ से ज्यादा अनदेखी भरे रवैए ने नुकसान पहुँचाया है। बाढ़ से तिलवारा, लम्हेटा और न्यू भेड़ाघाट को बड़ी हानि हुई है। इन घाटों की हालत ऐसी है कि कभी जहाँ नर्मदा का मनोरम स्वरूप और भी ज्यादा आकर्षक, विहंगम लगता था तो इन घाटों में खड़े होकर अब सब कुछ अव्यवस्थित नजर आता है।

हालात ऐसे हैं जैसे जिम्मेदारों की इन घाटों पर वर्षों से नजर ही नहीं पड़ी है। तिलवारा जो मेले और अन्य आध्यात्मिक महत्व के हिसाब से उपयोगी है यह इस बार ज्यादा क्षतिग्रस्त हुआ तो लम्हेटा और न्यू भेड़ाघाट बीते दो सालों से एकदम बदतर हालत में हैं। तीनों घाटों की दशा को सहज रूप में ऐसे समझ सकते हैं कि यहाँ पर इन दिनों सफाई तक के लाले हैं। ये उजड़े हुये नर्मदा तट फिर से कुछ बेहतर होंगे इसकी जनता उम्मीद तो लगाये है पर जिस हिसाब से इनकी अनदेखी हो रही है इनके जल्द उम्दा होने की गुंजाइश कम नजर आ रही है।

न्यू भेड़ाघाटः आसपास सब कुछ बिखरा पड़ा है
न्यू भेड़ाघाट नर्मदा के दूसरे हिस्से में है। जहाँ से कुछ आगे सवा लाख साल पुराने जलोदर हैं। इसी के साथ पाँच छोटे झरनों का नजारा यहाँ से देखा जा सकता है। इस पूरे हिस्से को प्रकृति ने अकूत सुंदरता से नवाजा है लेकिन इस सुंदरता को कभी दुनिया में पहचान नहीं मिल सकी।

इसका कारण है कि यहाँ पर पर्यटकों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। जो डोम, कुर्सियाँ यहाँ लगाई गईं वे बाढ़ में बह गईं। जो कुछ भी विकास हुआ वह अभी आसपास बिखरा हुआ है। बीते साल बाढ़ के बाद जो हाल थे तो इस बार अभी यही स्थिति बनी हुई है। न नगर परिषद का इसकी ओर ध्यान है न करीबी पंचायत की इस पर नजर है। हालात ऐसे हैं कि यहाँ पर सफाई तक कभी नहीं होती है।

लम्हेटाघाटः निगम ने सँवारा परिषद ने ठिकाने लगाया
इस घाट को नर्मदा की गहराई के लिए जाना जाता है। यहाँ पर शनि कुण्ड, ऐतिहासिक मंदिर और नर्मदा का ऐसा शांत स्वरूप देखने मिलता है जो कहीं पर भी नहीं है। कुछ साल पहले इसको सूपाताल के साथ पर्यटन विकास निगम ने सँवारा। डोम बनाये, बैठने के लिए बैंच लगााईं।

नीचे उतरने के लिए सड़क को सीमेण्टेड किया गया, पार्किंग बनाई और कई तरह से इसको सुंदर स्वरूप दिया। लेकिन जैसे ही इसकी जिम्मेदारी भेड़ाघाट नगर परिषद के पास गई तो बदहाल होना शुरू हो गया। नर्मदा के इस घाट में आने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। विहंगम दृश्यों को देखने ज्यादा लोग आ सकते हैं जिससे आसपास के गाँव वालों को लाभ हो सकता है पर परिषद के अधिकारियों ने इसको बदहाल बनाने में जैसे कोई कसर नहीं छोड़ी।

तिलवाराः चीप उखड़कर दूर गिरी, बड़ा हिस्सा बदहाल
हाईवे के नये ब्रिज का जब काम हुआ तो तिलवारा घाट का एक हिस्सा खराब हुआ। इसके बाद बारिश ने बचे हुये हिस्साें को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। अभी यह स्थिति है कि घाट का 40 फीसदी हिस्सा डेमेज हो चुका है। जहाँ पर से घाट में प्रवेश होता है वहीं से नाली बह रही है। पार्किंग का ऊपरी हिस्सा जहाँ कार्यक्रम होते थे वह चबूतरा क्षतिग्रस्त है। हर तरफ यह घाट इस समय बदहाल नजर आ रहा है।



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