जबलपुर18 घंटे पहले
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कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे कुछ निजी अस्पतालों का रवैया अभी भी असहयोग वाला बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग अब इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने पर विचार कर रहा है। शनिवार को कुछ अस्पताल संचालकों ने एसिम्टोमेटिक पॉजिटिव मरीजों के लिए होटल से अनुबंध कर कमरे लिए जाने की जानकारी निजी अस्पतालों के लिए बनाए गए नोडल अधिकारी को दी।
बताया गया कि अभी गुलजार, राजमहल, दत्त होटल के साथ ही आगा चौक स्थित आशीर्वाद बारात घर के कमरों को चार अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों को रखने के लिए अनुबंधित किया गया है। शनिवार को नोडल अधिकारी ने इन स्थानों का निरीक्षण किया तो दत्त को छोड़ बाकी जगह पॉजिटिव मरीज मिले।
अभी लाइफ मेडिसिटी, सर्वोदय व कुछ अन्य अस्पताल ही होटल अनुबंधित किए हैं। शहर में 27 निजी अस्पताल कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं, इनमें से 7 ऐसे हैं जो अपने यहाँ भर्ती मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे हैं। इससे मरीजों की मॉनीटरिंग में विभाग को परेशानी हो रही है। अब इनके खिलाफ नोटिस जारी करने की तैयारी है, फिर भी जानकारी नहीं मिली तो लायसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की जा सकती है।
स्टाफ नर्स, गार्ड को नोटिस
विक्टोरिया अस्पताल प्रबंधन ने सस्पेक्टेड वार्ड में ड्यूटी पर उपस्थित न होने पर एक स्टाफ नर्स को नोटिस जारी किया है। सिविल सर्जन डाॅ. सीबी अरोरा ने बताया कि स्टाफ नर्स श्रीमती डॉली सिंह की ड्यूटी शुक्रवार को सुबह सस्पेक्टेड वार्ड नंबर 2 में थी, लेकिन वे काम पर नहीं आईं। इससे मरीजों की देखरेख का काम प्रभावित हुआ। बाद में पता चला कि अस्पताल में तैनात ज्ञानदीप उर्फ गोल्डी नाम के सुरक्षा कर्मी के साथ किसी दूसरे शहर चली गई हैं। दोनों कर्मचारियों को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब माँगा गया है।
कोविड वार्ड का निरीक्षण
शनिवार को जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य शशिकांत सोनी ने जिला अस्पताल के कोविड वार्ड का निरीक्षण कर वहाँ की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान आरएमओ डॉ. संजय जैन ने उन्हें मरीजों के इलाज व की जा रही देखरेख की जानकारी दी।
ड्रग एसो. ने मोक्ष को दिए ग्लव्स
जबलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने कोरोना संकट, भोजन वितरण से लेकर मृतकों का ससम्मान अंतिम संस्कार करने वाली मोक्ष संस्था को 200 जोड़ी रबर ग्लव्स प्रदान किए। एसो. के सचिव डॉ. चंद्रेश जैन ने मोक्ष संस्था के द्वारा किए गए इस कार्य को देखते हुए उसे संसाधनों की कमी न हो इस उद्देश्य से ग्लव्स दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि कोविड या सस्पेक्ट मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए ग्लव्स काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवसर पर मोक्ष के आशीष ठाकुर व कार्यकर्ता, एसो. के सदस्य उपस्थित थे।
150 गर्भवती महिलाओं का इलाज, 2 मौतें
मेडिकल काॅलेज के स्त्री रोग विभाग में 30 सितंबर तक 150 से ज्यादा कोरोना संक्रमित या संदिग्ध गर्भवती महिलाओं का इलाज किया गया। इनमें 34 की नार्मल तथा 30 की सीजेरियन डिलेवरी कराई गई। इनमें दो महिलाएँ जो गंभीर स्थिति में अस्पताल आईं उनकी इलाज के दौरान मौत हुई। डीन डॉ. पीके कसार ने बताया कि विभाग प्रमुख डॉ. कविता एन सिंह, डॉ. गीता गुईन, डॉ. अर्चना सिंह सहित सभी स्टाफ का सक्रिय योगदान रहा।
बीमार बच्चे को मिली व्हीलचेयर
अधारताल निवासी 7 साल के सुदीप को कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने व्हीलचेयर प्रदान की। सेरिब्रल पाल्सी से ग्रसित इस बच्चे की माँ लक्ष्मीबाई कोल ने कुछ दिनों पहले ही जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र को व्हीलचेयर उपलब्ध कराने के लिये आवेदन दिया था। कलेक्टर के पास जब यह आवेदन पहुँचा तब उन्होंने इस बच्चे और उसकी माँ को तत्काल बुलाकर व्हीलचेयर देने के निर्देश अधिकारी को दिये और तत्काल ही व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई।
पाँच कोविड पेशेंट का हुआ डायलिसिस
मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में भर्ती पाँच मरीजों की डायलिसिस कराई गई। ये सभी मरीज किडनी के गंभीर रोग से पीड़ित हैं।