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- Shivraj Promised To Provide Full Amount Of Crop Insurance To Every Farmer, Then Kamal Nath Is Ready To Give Full Account Of Debt Waiver
भोपाल9 मिनट पहले
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कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की बैठक ली, बोलेः हर किसान को फसल बीमा की पूरी राशि दिलाएंगे
- हाटपिपल्या में पूर्व मुख्यमंत्री सभा में बोलेः मैं हिसाब देने को तैयार, जनता के सामने आएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर किसान की बीमा कराई गई फसल की पूरी दावा राशि और हर बाढ़ पीड़ित को राहत राशि दिलवाई जाएगी। उन्होंने किसानों को बीमा कंपनियों से प्राप्त दावा राशि के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक में यह आश्वासन दिया। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि कुछ जिलों से किसानों को फसल बीमा राशि नहीं मिलने या कम मिलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इस संबंध में हर जिले में फिर से परीक्षण कर कलेक्टर के माध्यम से सूची प्राप्त करें। उस सूची के अनुसार संबंधित बीमा कंपनी के समक्ष फिर से दावा पेश करें।
सरकार किसानों का पक्ष बीमा कंपनियों के सामने मजबूती से रखेगी। शिवराज ने बताया कि केंद्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर प्रदेश में यूरिया आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया है। यूरिया का आवंटन 18 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 22 लाख मीट्रिक टन करने की मांग की है। बैठक में बताया गया कि खरीफ-2019 में 1 अक्टूबर तक 14.40 लाख किसानों को 2628 करोड़ रुपए दावा राशि का भुगतान किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाटपिपल्या मंडी परिसर में चुनावी सभा काे संबाेधित किया
उन्हाेंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान काे आड़े हाथाें लेते हुए कहा कि शिवराजजी को किसानों का दुःख नहीं दिखता। नाैजवानों की आवाज नहीं सुनाई देती, आंख नहीं चलती, कान नहीं चलते, बस मुंह बहुत चलता है। कमलनाथ ने कहा-इन्हें मंच दे दो, माइक दे दो, इनकी झूठ की कथा शुरू हो जाती है। कमलनाथ ने कहा कि हमने तो वोट से सरकार बनाई थी और इन्होंने नोट से बना डाली।
शिवराज मुझसे 15 महीनों का हिसाब मांगते हैं, मैं हिसाब देने के लिए तैयार हूं। जनता के सामने आ जाएं और खड़े हो जाएं। कमलनाथ ने कहा कि कोविड हुआ तब मोदी जी कहते थे 20 लाख करोड़ रु दिए, मैं पूछना चाहता हूं किसी के खाते में 20 रु भी आए क्या। ये सिर्फ ध्यान मोड़ने की राजनीति में उस्ताद हैं, पाकिस्तान की बात करने लग जाएंगे। तो कभी चीन की बात तो कभी राष्ट्रवाद की बात करने लग जाएंगे।