इंदौर के व्यापारी ने सांवरिया सेठ को चढ़ाई पौने चार किलो चांदी की पोशाक, जानें इस मंदिर की खासियत | indore – News in Hindi

इंदौर के व्यापारी ने सांवरिया सेठ को चढ़ाई पौने चार किलो चांदी की पोशाक, जानें इस मंदिर की खासियत | indore – News in Hindi


सांवलिया सेठ ने कृष्ण भगवान को पोशाक पहनाकर उनका शृंगार किया और आशीर्वाद प्राप्त किया.

इस मंडफिया (Mandafia Temple) मंदिर में अफीम तस्कर अपनी खेप को पहुंचाने से पहले अफीम चढ़ाने आतें हैं. इसकी मान्यता है कि जो तस्कर यहां पर अफीम चढ़ाते हैं उन्हें तस्करी के धंधे में अच्छा मुनाफा होता है.

इंदौर. इंदौर (Indore) के प्रसिद्ध व्यापारी ने पौने चार किलो चांदी से बनी पोशाक को मंडफिया मंदिर (Mandafia Temple) में सांवरिया सेठ (Sanwaria Seth) को भेंट की है. इस पौने चार किलो चांदी से बनी पोशाक पर सोने की पॉलिश चढ़ाई गई है. खास बात यह है कि उन्होंने मंडफिया मंदिर में गुप्त दान (Secret donation) किया है. इसकी जानकारी उन्होंने किसी को नहीं दी थी. इस मंडफिया मंदिर में अफीम तस्कर अपनी खेप को पहुंचाने से पहले अफीम भी चढ़ाने आते हैं.

वहीं, इस पोशाक को तैयार करने वाला कारीगर रतलाम का रहने वाला है. नीमच के चूड़ी गली में सराफा की दुकान चलाने वाले व्यापारी गोपाल सोनी ने बताया कि इंदौर के शेयर मार्केट व्यापारी ने एक महीने पहले सांवलिया सेठ की पोशाक तैयार करने के लिए फोन पर चर्चा की थी. वे 6 सितंबर को 3 किलो 720 ग्राम चांदी लेकर दुकान पर आए थे. इसके बाद ऑर्डर बुक करने के साथ ही पोशाक बनाने के लिए काम शुरू कर दिया गया. गोपाल ने बताया कि रोज 10 घंटे काम करके 20 दिन में पोशाक तैयार किया गया है. उसने बताया कि इस पोशाक पर सात ग्राम सोने से पॉलिश चढ़ाई गई है. इस बाद वे इस पोशाक को अपने घर पर ले गए. फिर पूजा-अर्चना के बाद वे मंदिर पहुंचे. उनके साथ सराफा व्यापारी गोपाल सोनी और उनके सहयोगी कारीगर मनोज सोनी भी मंडफिया पहुंचे. इसके बाद व्यापारी ने मंदिर के पुजारी को पोशाक भेंट की. उस दिन व्यापारी ने सांवलिया सेठ को पोशाक पहनाकर उनका शृंगार किया और आशीर्वाद प्राप्त किया.

मंदिर में अफीम चढ़ाते हैं तस्कर 
जानकारी के मुताबिक, मंडफिया मंदिर में अफीम तस्कर अपनी खेप को पहुंचाने से पहले इस मंदिर में अफीम चढ़ाने आतें हैं. एमपी के आखिरी जिले नीमच से करीब 65 किलोमीटर दूर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की डूंगला तहसील के मण्डफिया में यह मंदिर स्थित है. इसकी मान्यता है कि जो तस्कर यहां पर अफीम चढ़ाते हैं उन्हें तस्करी के धंधे में अच्छा मुनाफा होता है. इसलिए जब भी इस मंदिर की दान पेटी को खोली जाती है उसमें से कैश और जेवरात तो निकलतें हैं, उसके अलावा दान पेटी में से बड़े पैमाने पर अफीम भी निकलती है. चूंकि अफीम एक जहरीला नशा है और इसे काले सोने के नाम से भी जाना जाता है. यहां ये मान्यता है कि सवलियां सेठ खुद काले सोने का देवता हैं. इसी लिए यहां पर तस्कर बड़े पैमाने पर अपनी तस्करी से पहले अफीम को चढाते हैं. मंदिर में तस्कर हर साल करोड़ों रुपए की अफीम चढ़ाते हैं.





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