Wardha Dam farmers will not get water for irrigation, proposed canal will not be built | वर्धा डैम से 5 गांवों के किसानों काे नहीं मिलेगा सिंचाई के लिए पानी, प्रस्तावित नहर भी नहीं बनेगी

Wardha Dam farmers will not get water for irrigation, proposed canal will not be built | वर्धा डैम से 5 गांवों के किसानों काे नहीं मिलेगा सिंचाई के लिए पानी, प्रस्तावित नहर भी नहीं बनेगी


मुलताई8 घंटे पहले

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मुलताई। वर्धा डैम का पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने की मांग को लेकर तहसील पहुंचे पांच गांव के किसान।

  • भूमिपूजन के समय पांच गांवों में नहर के लिए किया था सर्वे, भेदभाव कर अब निरस्त कर दिया

शेरगढ़ गांव के पास वर्धा नदी पर 119.23 करोड़ रुपए की लागत से डैम का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में डैम की नहर के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। प्रभातपट्टन ब्लॉक के पांच गांवों के किसानों को डैम का पानी सिंचाई के लिए नहीं मिल पाएगा। जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया है। मंगलवार को ग्राम मंगोनाखुर्द, अमरावतीघाट, रायआमला, आष्टा और सिरसावाड़ी के किसानों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर एसडीएम हरसिमरनप्रीत कौर को ज्ञापन देते हुए वर्धा डैम का पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने की मांग रखी।

जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अशोक पांसे, जिपं सदस्य हरीराम नागले, राजू संत, गुड्‌डू गव्हाड़े के साथ पहुंचे किसानों ने डैम की नहर निर्माण में भेदभाव करने का आरोप लगाया। किसानों ने बताया डैम के भूमिपूजन के दौरान उनके गांवों तक नहर निर्माण किया जाना प्रस्तावित था। नहर के लिए सर्वे भी हुआ था। अब पांचों गांवों तक प्रस्तावित नहर को निरस्त कर दिया है। जिससे पांचों गांव के किसानों को डैम का पानी सिंचाई के लिए नहीं मिलेगा। जल संसाधन संभाग के कार्यपालन यंत्री के अनुसार इन पांचों गांवों को नहर निर्माण के लिए संभावित क्षेत्र में रखा गया था।

नाराजगी : गोनाखुर्द, अमरावतीघाट, रायआमला, आष्टा व सिरसावाड़ी के किसानों ने तहसील पहुंचकर सौंपा ज्ञापन

किसानों ने बताया सिंचाई के लिए नहीं है पानी

आष्टा के किसान रोशन देशमुख, साहेबराव देशमुख, रायआमला के जगन्नाथ कवड़कर, मंगोनाखुर्द के शंकर कवड़कर ने बताया खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहीं है। हर साल नवंबर- दिसंबर महीने में खेतों के कुएं और ट्यूबवेलों का जल स्तर कम हो जाता है। जिससे रबी फसल की सिंचाई नहीं हो पाती है। सिंचाई के लिए पानी नहीं होने से अधिकांश किसान गेहूं की बोवनी ही नहीं करते हैं।

18 गांव की 5700 हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित

वर्धा डैम के पानी से क्षेत्र के 18 गांवों के किसानों की 5700 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया वर्धा डैम की नहर से ग्राम शेरगढ़, नरखेड़, भिलाई, अंभोरी, मंगोनाकला, देवगांव, बघोड़ा, रामपुर, करनापुर, प्रभातपट्‌टन, गोधनी, तिवरखेड़ के किसानों की कुल 5 हजार 200 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इसके अलावा ग्राम शेरगढ़, सलाईढाना, कोंढर, हरदौली और डहरगांव के किसान 500 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई लिफ्ट के माध्यम से होगी।

किसानों ने कहा : संतोष जनक जवाब नहीं दे रहे अधिकारी

किसानों का कहना है उनके गांव तक प्रस्तावित नहर को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कांग्रेस शासनकाल में निरस्त कर दिया है। पूर्व में प्रस्तावित नहर को निरस्त करने के संबंध में उच्च अधिकारियों संतोष जनक जवाब भी नहीं दे रहे हैं। जिससे पांचों गांवों के किसानों में आक्रोश बढ़ गया है। अशोक पांसे ने कहा वर्धा परियोजना के क्षेत्र का पुन: निर्धारण कर पांचों गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए डैम का पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। एसडीएम हरसिमरनप्रीत कौर ने किसानों की मांग से उच्च अधिकारियों को अवगत कराने का आश्वासन दिया है।

पांचों गांव की 690 हेक्टेयर से अधिक जमीन रह जाएगी असिंचित

किसानों ने बताया ग्राम मंगोनाखुर्द, आष्टा, रायआमला, सिरसावाड़ी और अमरावती घाट तक नहर का निर्माण नहीं होने से डैम का पानी सिंचाई के लिए नहीं मिल पाएगा। जिससे पांचों गांव की 690 हेक्टेयर से अधिक जमीन सिंचाई से वंचित रह जाएगी। नहर का निर्माण होने पर मंगोनाखुर्द की 170 हेक्टेयर, अमरावती घाट की 170 हेक्टेयर, रायआमला की 150 हेक्टेयर, आष्टा की 120 हेक्टेयर और सिरसावाड़ी की 80 हेक्टेयर से अधिक जमीन सिंचित हो सकती है।

बलेगांव व मीरापुर के किसानों ने भी की नहर की मांग

बलेगांव और मीरापुर के किसानों ने भी उनके खेतों तक वर्धा डैम की नहर बनाने की मांग की है। दोनों गांवों के किसानों ने भी इस संबंध में एसडीएम को आवेदन दिया है। किसान हेमराज सोलंकी सहित अन्य ने बताया वर्धा डैम की नहर उनके खेतों तक नहीं बन रही है। जिससे दोनों गांवों के किसानों को वर्धा डैम के पानी से वंचित रहना पड़ रहा है। किसानों ने वर्धा डैम का पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने की मांग की है।

संग्रहित पानी के अनुसार प्रस्तावित है सिंचित एरिया

वर्धा डैम में संग्रहित होने वाले पानी से 5700 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई प्रस्तावित है। इसके अधिक जमीन की सिंचाई के लिए पानी देना संभव नहीं है। पांचों गांवों को नहर निर्माण के लिए संभावित क्षेत्र में रखा गया था।
जीपी सिलावट, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग



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