दमोह6 मिनट पहले
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- मोरगंज गल्ला मंडी में पाइप-लाइन डालने के लिए खोदी जा रही है नई सड़क
शहर में जनता के टैक्स की किस तरह की बर्बादी हो रही है? इसका उदाहरण शहर की सीसी सड़कों को देखकर लगाया जा सकता है। लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करके नपा ने पहले सीसी सड़कों का निर्माण किया। चंद महीने बाद ही पानी की पाइप लाइन बिछाने के नाम पर इन सीसी सड़कों को खोद दिया गया। सवाल यह है कि जब दो साल से शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है, तो बीच में सड़क क्यों बना दी गई और जब सड़क बनाई जा रही थी तो निर्माण शाखा और जल शाखा के अधिकारियों ने इस बात का ध्यान क्यों नहीं रखा। दरअसल उदाहरण कुछ ऐसे समझिए कि मोरगंज गल्ला मंडी में मुख्य गेट से लेकर अंदर तक और गुरुद्वारे से संजीवनी अस्पताल तक, गैस गोदाम से गुरुवारे तक पालिका परिषद ने 9 माह पहले ही सीसी रोड बनाई थी। बनने के बाद ही इस सीसी रोड को पाइप लाइन के लिए खोद डाला गया। सीसी सड़क को पाइप लाइन के लिए बेतरतीव ढंग से खोद डाला गया। इसी तरह का उदाहरण सिविल वार्ड, गार्ड लाइन और मागंज वार्ड में भी देखने को मिले हैं।
मोरगल्ला मंडी निवासी स्थानीय निवासी रविंद्रर सलूजा के मुताबिक पहले रोड बना चुका है, उसके बाद अधिकारियों को पाइप लाइन डालने की याद आई। उन्होंने पाइप लाइन डालने के लिए सड़क खोद दी। इसी तरह विक्रांत गुप्ता ने बताया कि जब सड़क बन रही थी, उन्होंने काम रुकवा दिया था। दो माह तक काम रूका रहा, मगर पाइप लाइन नहीं डलवाई गई। उन्होंने बताया कि पहले पाइप लाइन, नाली बननी चाहिए, उसके बाद सड़क का काम होना चाहिए।
7 से 8 माह पहले बनी थी सड़क
मोरगंज मंडी में गली करीब 7 से 8 महीने पहले सीसी रोड बनाई गई। सीसी सड़क बनने के सुविधा का लाभ चार से पांच महीने ही लोग ले पाए, इसके बाद नपा ने पाइप लाइन के लिए इस सड़क को भी खोद डाला। परेशानी की बात है कि लाइन के लिए खुदाई हुए 5 दिन से ज्यादा का समय हो गया लेकिन, अब तक यहां पाइप लाइन नहीं डली और सड़क खुदी पड़ी है। तीन साल से तय था डलनी है पाइप लाइन: पूरे शहर के 39 वार्डों में पाइप लाइन डालना तय था, मगर काम में देरी के चलते निर्माण ठेकेदार ने सीसी सड़क बना डाली। बाद में पाइप लाइन बिछाने के लिए ठेकेदार ने सड़क खोद दी। हालांकि अभी पाइप लाइन नहीं डाली है और उससे कनेक्शन होना भी बाकी हैं।
इधर पाइप लाइन डाली दी, मगर कनेक्शन नहीं हुए
वार्ड नंबर 6 और 9 में पाइप लाइन बिछाई गई है, लेकिन अभी कनेक्शन नहीं हुए हैं। पाइप लाइन डालने के बाद भी ऊपर से सीसी कर दिया गया है, लेकिन जब कनेक्शन होंगे तो पाइप लाइन की खुदाई फिर से होगी और इस बीच सड़कों को नुकसान पहुंचाया जाएगा। बताया जाता है कि अभी विवेकानंद कालोनी में पानी की टंकी बनी है, मगर टेस्टिंग नहीं हुई है। टेस्टिंग न होने की वजह से पाइप लाइन भी चालू नहीं हुई है।
इस समस्या को दूर करने के लिए साल 2016 में 27 करोड़ रुपये की लागत से जलावर्धन योजना मंजूर हुई है। नपा के सभी इंजीनियर व अफसरों को पता है कि जलावर्धन की पाइप लाइन के लिए गलियों को खोदा जाएगा। इसके बाद भी अफसरों ने सीसी सड़कें बना दी। अगर सीसी सड़क बनने से पहले पाइप लाइन बिछा दी जाती तब भी लाखों-करोड़ों रुपयों की बर्बादी एवं जनता की परेशानी बच जाती।