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भोपाल22 मिनट पहले
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पंद्रह दिन पहले ही हर्षिता को जन्मदिन पर उसके बाबा (दादा) ने उसे बाइसकिल दी थी। – फाइल फोटो
- दोनों की खेलते समय गद्दे में दबने से मौत हो गई
- ढाई घंटे खोजने के बाद दूसरी मंजिल पर मिले थे
भोपाल के रातीबढ़ थाना क्षेत्र में एक टेंट कारोबारी के 5 साल का हर्षित और 5 साल की भाई की बेटी अंशिका की एक गद्दे के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई। दोनों मासूम खेलते समय गद्दे के ढेर में दब गए थे। पंद्रह दिन पहले ही बाबा हर्षिता को पांचवें जन्मदिन पर नई बाइसकिल लेकर आए थे। वह पूरे घर में अपने भाई के साथ खेलती रहती थी। अब उसे ही देखकर परिजनों के आंसू नहीं थम रहे। पुलिस आज दोनों मासूमों का पोस्टमार्टम कराएगी।

हर्षित और अंशिका खेलते समय गद्दे के ढेर में दब गए थे। – फाइल फोटो
4 बजे से गायब थे दोनों
रातीबड़ के ग्राम बरखेड़ी कलां में रहने वाले विनीत मारन ने बताया कि संयुक्त परिवार के साथ रहते हैं। उनका टेंट का कारोबार है। शाम करीब चार बजे उनका 5 साल का बेटा हर्षित और भाई दीपक की बेटी अंशिका खेलते देखे गए। उसके बाद उनका कुछ पता नहीं था। शाम करीब 6 बजे से बच्चों की तलाश शुरू की गई। उन्हें काफी खोजा गया। आस पड़ोस में भी पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसी दौरान दूसरी मंजिल स्थित गद्दे बिखरे मिले। हमने एक-एक कर गद्दे हटाने शुरू किए, तो दोनों उसके नीचे दबे मिले।
दोनों बेसुध थे। उन्हें तत्काल कोटरा स्थित निजी अस्पताल ले गए। जहां कुछ उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। टीआई रातीबढ़ सुधेश तिवारी ने बताया कि फिलहाल परिजनों की स्थिति को देखते हुए खास बातचीत नहीं हो पाई है। बच्चों के अंतिम संस्कार होने के बाद घटना के बारे में विस्तृत से जानकारी लेने का प्रयास किया जाएगा।
ढेर में दब गए मासूम
विनीत मारण और दीपक मारण सगे भाई हैं। विनीत टेंट हाउस और दीपक प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं। उन्होंने टेंट का सामान गद्दे, रजाई आदि सभी घर पर ही रखा हुआ था। दोनों मासूम खेलते समय दूसरी मंजिल की छत पर चले गए थे। पुलिस को आशंका है कि खेलते समय वे गद्दे पर चढ़ते-उतरते रहे होंगे। इसी दौरान गद्दे के ढेर फिसलने से दोनों गद्दों के नीचे दब गए। गद्दों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण मासूम ढेर से उबर नहीं पाए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
दोनों भाई बहनों में तीन महीने का अंतर
अंशिका का जन्मदिन 15 दिन पहले ही था। उसे बाबा ने बाइसकिल लाकर दी थी, जबकि उससे तीन महीने पहले हर्षित का बर्थडे था। दोनों के बीच महज तीन महीने का अंतर था। उन्होंने उसका जन्मदिन भी अच्छे से मनाया था। अंशिका ज्यादातर समय अपने दादा के पास ही रहती थी। वह उनके मोबाइल में ही गेम खेला करती थी। दादा ने ही उसे बाइसकिल लाकर दी थी।