खंडवा12 घंटे पहले
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वाहन एमपी-46 डब्ल्यू 1134 के मालिक विधायक देवेन्द्र वर्मा हैं।
- नेपानगर गए थे खंडवा के भाजपा विधायक, नेम प्लेट नहीं हटाई थी
- आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले वाहन एमपी-46 डब्ल्यू 1134 के मालिक विधायक वर्मा हैं
इसे सत्ता का डर कहे या कानून की जानकारी का अभाव, क्योंकि नेपानगर विस में आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिक पर केस दर्ज हुआ, जबकि उसके मालिक के नाम का जिक्र केस में है ही नहीं। क्योंकि ये वाहन खंडवा से भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा के नाम से रजिस्टर्ड है। इसकी पासिंग बड़वानी की है।
नेपानगर तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर ने नेपानगर पुलिस को कार्रवाई करने के लिए जो पत्र सौंपा, उसमें भी वाहन मालिक के नाम का जिक्र नहीं है। पुलिस ने भी बगैर नाम के केस दर्ज कर लिया। इस संबंध में तहसीलदार से पूछा विधायक के नाम का उल्लेख क्यों नहीं है, तो वे हंसकर टाल गए।
शुक्रवार नेपानगर की आदर्श कॉलोनी स्थित एक निजी गार्डन में भाजपा का कार्यक्रम था। इस दौरान खंडवा विधायक वर्मा यहां नेम प्लेट लगे अपने वाहन से पहुंचे, जबकि नेपानगर में आचार संहिता लागू है। शिकायत मिलने पर नेपानगर तहसीलदार ने थाना प्रभारी को पत्र लिखा। शनिवार नेपा पुलिस ने वाहन एमपी-46 डब्ल्यू 1134 के मालिक व संचालककर्ता के खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया। परिवहन विभाग के रिकार्ड में उपरोक्त वाहन खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा के नाम पर दर्ज है, वाहन बड़वानी पासिंग है।
^ वाहन क्रमांक एमपी 46 डब्ल्यू 1134 के मालिक के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। इस आधार पर जांच के बाद धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
– जितेंद्र सिंह यादव, थाना प्रभारी, नेपानगर
^ नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में मैंने आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया, प्रकरण दर्ज होने की जानकारी भी मुझे नहीं है। अभी तो वहां नामांकन भी नहीं भराया है।
– देवेंद्र वर्मा, विधायक, खंडवा
फ्लैश बैक
2018 में भी वर्मा पर दर्ज हुआ केस, मामला कोर्ट में
विस चुनाव-2018 में नामांकन फार्म जमा कराने के दौरान भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र वर्मा 5 नवंबर-2018 को अपने साथ 7 कार्यकर्ताओं को एसडीएम कक्ष में ले गए थे। जबकि 5 लोगों को कक्ष में ले जाना था। नायब तहसीलदार विजय कुमार सेनानी की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 9 नवंबर की शाम वर्मा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन में धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
उस वक्त कांग्रेस प्रत्याशी रहे कुंदन मालवीय ने कहा मप्र एवं छग में धारा-188 में दर्ज प्रकरण गैर-जमानती अपराध है। इसलिए वर्मा की गिरफ्तारी होनी थी, लेकिन नाम वापसी के अंतिम दिन 2018 के चुनाव में 9 नवंबर की दोपहर 3 बजकर 05 मिनट पर वर्मा पर प्रकरण दर्ज हुआ। 2019 में जमानत मिली। मामले को मैंने हाईकोर्ट में लगाया है।