After five years, eye surgery will be available in the district hospital, today the eye surgeon will join | पांच साल बाद अब जिला अस्पताल में हाे सकेंगे आंखों के ऑपरेशन, आज नेत्र सर्जन ज्वॉइन करेंगी

After five years, eye surgery will be available in the district hospital, today the eye surgeon will join | पांच साल बाद अब जिला अस्पताल में हाे सकेंगे आंखों के ऑपरेशन, आज नेत्र सर्जन ज्वॉइन करेंगी


श्योपुर9 घंटे पहले

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बरसाें से नेत्र चिकित्सा सुविधा काे माेहताज जिलावासियों के लिए राहत की खबर है। जिला अस्पताल में चार साल बाद अब नेत्र चिकित्सा इकाई में मरीजों काे नेत्ररोग विशेषज्ञ की सेवा मिलने लगेगी।

स्वास्थ्य विभाग से अनुबंध पर नेत्र सर्जन डाॅ. समीक्षा अग्रवाल साेमवार काे अपनी ज्वाइनिंग दे देंगी। वहीं जिला अस्पताल में अब आंखाें के ऑपरेशन भी हाेने लगेंगे। जिला अस्पताल में जनवरी 2016 काे हुए नेत्र ऑपरेशन कांड के बाद से ही नेत्र चिकित्सा यूनिट व ऑपरेशन थियेटर बंद पड़े हैं। जिला अस्पताल में नेत्ररोग विशेषज्ञ भी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग का अंधत्व निवारण कार्यक्रम एनजीओ के भरोसे चल रहा था। हर साल जिले के मरीजों काे मुफ्त नेत्र ऑपरेशन के लिए ग्वालियर भेजते रहे। ऐसे में कई साल से अंधत्व निवारण का लक्ष्य पिछड़ रहा है। लेकिन अब हालात बदलने की उम्मीद है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बीएल यादव का कहना है कि मरीजों की परेशानी दूर करने के लिए एक सर्जन डॉक्टर काे अनुबंध पर रख लिया है। इस बार आंखाें के ऑपरेशन भी श्योपुर में ही हाेंगे। जिले के मरीजों काे ऑपरेशन के लिए ग्वालियर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

पांच मरीजों की रोशनी न लौटने से 5 साल से बंद थे आंख के ऑपरेशन
जिला अस्पताल में 27 नवंबर 2015 काे अयोजित मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में कुल 66 मरीजों ने अपनी आंखाें के ऑपरेशन कराए थे। 11 जनवरी काे जब मरीजों के टांके काटे गए तो इनमें पांच मरीजों ने आंखाें से कुछ भी दिखाई नहीं देने और 12 लोगों काे आंख में धुंधलेपन की शिकायत सामने आने से स्वास्थ्य अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए थे। अखिरकार 5 साल बाद जिला अस्पताल में नेत्रराेगियाें काे लंबे समय से आ रही समस्या काे देखते हुए विभाग ने एक साल के लिए एक सर्जन डॉक्टर से अनुबंध कर लिया है। इसी सीजन में आंखाें के ऑपरेशन भी हाेंगे।



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