Discrimination against girls in society has come down but more changes are needed now: Singh | समाज में लड़कियों के साथ भेदभाव कम हुआ लेकिन अभी और बदलाव की जरूरत: सिंह

Discrimination against girls in society has come down but more changes are needed now: Singh | समाज में लड़कियों के साथ भेदभाव कम हुआ लेकिन अभी और बदलाव की जरूरत: सिंह


भिंड14 घंटे पहले

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स्काउट गाइड के कार्यक्रम में आगे बढ़ने की शपथ लेते हुए बलिकाएं।

  • स्काउट गाइड के कार्यक्रम में किया गया कन्या पूजन, कराई कई प्रतियोगिताएं

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए स्काउट- गाइड के डीओसी अतिबल सिंह ने कहा कि समाज में लड़कियों के साथ भेदभाव कम हुआ है तो वह कीर्तिमान स्थापित करने लगी हैं। लेकिन अब तक भेदभाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसके लिए सरकारें अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं पर सामाजिक स्तर पर सोच में बदलाव में आज भी जरूरत है। बालिकाओं को बेहतर पोषण और अच्छी शिक्षा के अवसर मिलें तो वह ऊंचाइयों पर पहुंच सकती हैं।

विश्व बालिका दिवस के अवसर पर शहर में नई आबादी के शासकीय प्राइमरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में डीओसी ने लिंगानुपात को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिले में लिंगानुपात पूरे कम है, पिछले सालों में किए गए प्रयासों से इनमें कमी आ रही है पर अभी अंतर की खाई को पाटने की जरूरत है। उन्होंने वर्तमान में देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की चर्चा करते हुए कहा कि इसके विरोध में सामाजिक स्तर से आवाज उठना चाहिए। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को आत्म रक्षा के गुर जरूर सीखना चाहिए। जिससे आड़े वक्त में वे खुद की सुरक्षा कर सकें।

कार्यक्रम की सफलता पर जिला शिक्षा अधिकारी हरभवन सिंह तोमर, जिला मुख्य आयुक्त शिवांशु सिंह किरार, महेश कुमार कनेरिया, अमर सिंह विमल, रेखा भदोरिया, सतीश कुमार शर्मा, मुकुट सिंह सिकरवार, राम अवतार ओझा आदि ने स्काउट गाइड को शुभकामनाएं दी हैं। कार्यक्रम के सहयोग के रूप में राज राजावत रोवर्स, मीटू गोयल, तृप्ति राजावत, उपासना गोयल आदि रेंजर गाइड ने बढ़-चढ़कर सहयोग प्रदान किया।

बेटियों को मिठाई फल देकर पूजन किया
भारत स्काउट गाइड जिला संघ द्वारा मनाए गए विश्व बालिका दिवस कार्यक्रम में बेटियों का पूजन किया गया। उन्हें मिठाई और फल प्रदान किए गए। संचालन करते हुए प्रधानाध्यापक मधुबाला सिंह तोमर ने कहा कि बेटी है तो कल है। हमें बेटियों को महिलाओं को सम्मान देना चाहिए। उनकी भावनाओं को समझते हुए उन्हें बेटे की तरह बेटियों का भी शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करना चाहिए तथा आगे बढ़ने के प्रोत्साहित करना चाहिए।

छात्रााओं ने देश की प्रगति पर लिखा निबंध
कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं के लिए निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता महिलाओं का देश की प्रगति में क्या योगदान है विषय पर आयोजित की गई। इसमें गाइड, रेंजर, बुलबुल आदि ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। जिला शिक्षा अधिकारी हरभवन सिंह तोमर ने स्काउट- गाइड द्वारा समय समय पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा है कि बच्चों को इसी प्रकार प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की है कोशिश
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2012 से मनाया जा रहा है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर 2011 को प्रस्ताव पारित किया था। इसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और उन्हें उनके अधिकार प्रदान करने में मदद करना है। जिससे दुनिया भर में उनके सामने आने वाली चुनौतियों का वे सामना करते हुए अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। जब से हर वर्ष अलग- अलग थीम को लेकर मनाया जा रहा है। इस बार की थीम हमारी आवाज और हमारा समान भविष्य रखी गई।



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