Withdrawal recovery of 500 crores on 1 lakh traders; Amount to be deposited by October 20, if not 24 percent interest | 1 लाख व्यापारियों पर 500 करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली; लॉकडाउन में बेचे माल पर आईटीसी की 100% राशि लेने की रियायत वापस

Withdrawal recovery of 500 crores on 1 lakh traders; Amount to be deposited by October 20, if not 24 percent interest | 1 लाख व्यापारियों पर 500 करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली; लॉकडाउन में बेचे माल पर आईटीसी की 100% राशि लेने की रियायत वापस


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भोपाल11 मिनट पहले

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प्रतीकात्मक फोटो

  • 20 अक्टूबर तक जमा करनी होगी राशि, नहीं तो 24 प्रतिशत ब्याज
  • भोपाल में करीब 1 लाख व्यापारियों ने 500 करोड़ रुपए का आईटीसी लॉकडाउन के दौरान क्लेम किया था

(गुरुदत्त तिवारी) राजधानी के व्यापारी 70 दिन लंबे लॉकडाउन के असर से अब तक उबर भी नहीं पाए हैं और सरकार ने रियायतें वापस लेना शुरू कर दिया है। लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों को बेचे गए माल पर बनने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की 100% राशि लेने की सुविधा दी थी। भले ही माल खरीदने वाले व्यापारी ने इसकी जानकारी मासिक रिटर्न में न दी हो। भोपाल में करीब 1 लाख व्यापारियों ने 500 करोड़ रु. का आईटीसी लॉकडाउन के दौरान क्लेम किया था। लेकिन, अब विभाग ने उन्हें नोटिस भेजकर सितंबर माह के रिटर्न के साथ अतिरिक्त आईटीसी वापस जमा कराने को कहा है। रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। इस तिथि तक आईटीसी में ली गई राशि जमा न कराने पर 24% की दर से ब्याज देनी पड़ेगी।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी नियम 2017 के 36(4) इसके तहत माल बेचने वाला व्यापारी केवल वही आईटीसी की राशि को क्लेम कर सकता है जो उसके टैक्स लेजर जीएसटी आर-2 ए में दिखाई दे। लेकिन यह राशि तभी दिखती है जब खरीदार इनवाइस या बिल के लिए भरे जाने वाले रिटर्न जीएसटी आर-1 भरकर यह माल मिलने की जानकारी विभाग को दे। अन्यथा अपने बिक्री रजिस्टर के आधार पर व्यापारी केवल 10% राशि ही क्लेम कर सकता है। लेकिन कोरोना संकट के कारण व्यापारी नकदी के संकट से जूझ रहे थे। उन्हें फिर से व्यापार शुरू करने के लिए नकदी की जरूरत थी। इसलिए विभाग ने जीएसटीआर-2ए में दिख रही राशि के साथ रजिस्टर में दर्ज बेचे गए माल की जानकारी के आधार पर बने रहे आईटीसी की 10% की जगह पूरी 100% राशि ही निकालने की सुविधा दे दी थी।

एक अनुमान के अनुसार अकेले भोपाल में ही व्यापारियों ने इस सुविधा का लाभ उठाते हुए 500 करोड़ रुपए का आईटीसी क्लेम कर लिया था। मप्र में यह राशि करीब 2000 करोड़ रुपए से अधिक थी।

वसूली एक साल तक स्थगित करनी चाहिए
व्यापारी और उद्यमी नकदी के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह वसूली अगले साल तक के लिए स्थगित कर दे। अभी तो सबको पैसा चाहिए ताकि वे लॉकडाउन में हुए नुकसान की कुछ भरपाई कर सकें।
-डॉ आरएस गोस्वामी, अध्यक्ष, एफएमपीसीसीआई, मप्र

जानिए क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट
एक वस्तु कंपनी में बनती है, लेकिन ग्राहक तक पहुंचने से पहले वह कई छोटे-बड़े सप्लायर और व्यापारियों से होकर गुजरती है। इस वस्तु पर टैक्स एक बार ही लगता है। लेकिन हर चरण में इस पर टैक्स काटा जाता है। जीएसटी अधिनियम के तहत ग्राहक को माल बेचने वाले फुटकर व्यापारी को छोड़कर शेष सभी सप्लायर और व्यापारियों को टैक्स क्रेडिट दी जाती है। इसे आईटीसी कहते हैं। इसे इस वस्तु की ट्रेडिंग में शामिल बाकी के सप्लायर और व्यापारी क्लेम कर लेते हैं।

जब पैसा वापस करना ही तो क्यों जमा करा रहे आईटीसी
उद्यमियों और व्यापारी वह पैसा विभाग में जमा कराने पर मजबूर है जो उसने त्योहारों के लिए रखा था। जब भविष्य में पैसा वापस करना ही है तो अभी व्यापारियों से क्यों आईटीसी जमा कराया जा रहा है।
-राजीव अग्रवाल, मंडीदीप इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष



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