गंजबासौदा19 घंटे पहले
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- आरएपीडीआरपी योजना के तहत छह साल पहले कराए गए कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग
भविष्य के बिजली लोड को देखते हुए बिजली कंपनी द्वारा योजना नहीं बनाई गई थी। इससे अब खंभों पर लगे कनेक्शन बोर्ड और केबल में आग लगने की घटनाएं नगर में लगातार बढ़ रही हैं। आरएपीडीआरपी योजना के तहत छह साल पहले कराए गए कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने से आए दिन केबल और बोर्ड में आग लग रही है।
पांच साल के दरम्यान सैकड़ों कनेक्शन पैनल जल गए। केबल सपोट के लिए लगाई पत्तियां टूट रही हैं। बिजली कंपनी के कर्मचारियों को जुगाड़ से मरम्मत करना पड़ रही है। इससे बिजली सप्लाई बंद होने से नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कंपनी के अधिकारी भी मानते है कि प्रोपर लोड और साइज के हिसाब से मटेरियल का उपयोग नहीं किया गया है। इससे समस्या आ रही है।
15 प्रतिशत अधिक बढ़ गया है लोड, इसलिए परेशानी
पूर्व में योजना तत्कालीन लोड के अनुसार योजना बनाई गई थी। पहले से लोड 15 प्रतिशत बढ़ चुका है। कई जगह ट्रांसफार्मर पर लगे खुले बॉक्स ठीक कराए गए है। शेष को भी ठीक कराया जाएगा।
-शशांक पांडे , एई बिजली कंपनी गंजबासौदा
योजना का उद्देश्य यह था
चार दशक पुरानी क्षति ग्रस्त बिजली की लाईनों को बदलने और सप्लाई दुरुस्त करने और चोरी रोकने के लिए शासन ने आरएपीडीआरपी योजना के तहत साढ़े नौ करोड़ की स्वीकृति प्रदान की थी। इससे शहर के उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों से निजात मिले। वोल्टेज की समस्या दूर होगी। सप्लाई व्यवस्थित की जा सके। इस योजना के तहत कार्य होने के बाद कई केबलें जल चुकी हैं। कनेक्शन बोर्ड जल चुके हैं। कनेक्शन बोर्ड के तार अब पोलों पर खुले दिखाई दे रहे हैं।
चौराहों पर लगे ट्रांसफार्मर तो बदल दिए पर सर्किट पैनल वॉक्स खुले पड़े
चौक चौराहों पर लगे ट्रांसफार्मरों को बदल कर उनकी क्षमता बड़ा दी। लेकिन उनके साथ लगे सर्किट और पेनल बॉक्स जस के तस खुले और असुरक्षित है। पहले यह बच्चों व जानवरों की पहुंच से एक दो फीट ऊंचाई पर रहते थे। लेकिन शहर में मार्गों सहित गलियों का सीसी करण किए जाने से उनकी ऊंचाई डेढ़ से दो फीट कम हो गई।
सर्किट बॉक्स और पेनल फिर उसी स्थिति में आ गए। इसका उदाहरण बरेठ रोड मुख्य मार्ग पर बिजली कंपनी के दफ्तर के आगे लगे ट्रांसफार्मर है। जहां पेनल बॉक्स खुला है। आम लोगों की पहुंच के अंदर है। कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
कई बार हो चुका है हादसा
शहर के कई प्रमुख चौराहों और मार्ग पर लगे सर्किट पैनल बॉक्स के संपर्क में आने से दो दर्जन जानवर करंट की चपेट में आ चुके है। आधा दर्जन लोगों को करंट लग चुका है। स्कूली बच्चो इन पेनलों के आसपास से आते जाते हैं।
कई बार वाहन क्रासिंग के दौरान ओपन सर्किटों के संपर्क में आते आते बचते हैं। पूरे शहर में चालीस फीसदी ट्रांसफार्मर रहवासियों को चिंता का कारण बने हुए हैं। मील रोड एकता चौराहे पर ट्रांसफार्मर के नीचे खुले सर्किट बॉक्स से कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वाहन क्रासिंग के दौरान उसके संपर्क में आ सकता है।
27 किलोमीटर लंबी 11 केवी लाइन बदली पर मटेरियल घटिया
योजना के तहत 11 केवी की पुरानी लाइनों के 27 किलोमीटर लंबे तार बदले गए। पुराने और कम क्षमता वाले तारों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती थी लोड के कारण टूट कर सड़क पर आते थे। तारों के स्थानों पर जो केबल डाली गई हैं। वह आए दिन ओवर लोड होने पर जल कर टूट रहीं है।
बरेठ रोड पर मुख्य मार्ग के किनारे कई जगह लटक रहीं है। खंबों पर लगाए कनेक्शन वॉक्स जल रहे हैं।कनेक्शन बॉक्स में आग से बिजली सप्लाई बंद होना अब आम बात है। इससे नागरिकों को परेशान होना पड़ता है।