You will not be able to offer makeup, chunri and prasad to the mother, darshan from outside; The day of city worship will be celebrated on Mahashtami 24, Navami and Dussehra on 25 | माता को शृंगार, चुनरी और प्रसाद नहीं चढ़ा सकेंगे, दर्शन बाहर से ही; नगर पूजा का दिन महाअष्टमी 24 को, नवमी और दशहरा 25 को मनेगा

You will not be able to offer makeup, chunri and prasad to the mother, darshan from outside; The day of city worship will be celebrated on Mahashtami 24, Navami and Dussehra on 25 | माता को शृंगार, चुनरी और प्रसाद नहीं चढ़ा सकेंगे, दर्शन बाहर से ही; नगर पूजा का दिन महाअष्टमी 24 को, नवमी और दशहरा 25 को मनेगा


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उज्जैन19 घंटे पहले

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लॉकडाउन के बाद पहला शिप्रा स्नान, रामघाट पर लगाई डुबकी

  • हरसिद्धि में बाहर के श्रद्धालुओं ने दीप मालिकाओं की बुकिंग पिछले साल के मुकाबले कम

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से होगी। इसमें 24 अक्टूबर को नगर पूजा का दिन है। 25 को नवमी और दशहरा एक ही दिन मनाया जाएगा। नवरात्रि में मंदिरों में बाहर से ही दर्शन होंगे। पंडालों में भी देवी के दर्शन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दर्शन की व्यवस्था की गई है। इस नवरात्रि में सिद्धि हासिल करने के इच्छुक साधक सक्रिय होते हैं। मंदिर परिसरों में इन साधकों को साधना करते देखा जा सकता है। इसके अलावा देवी भक्त भी विभिन्न तरीकों से देवी को प्रसन्न करने के लिए साधना करेंगे।

शारदीय नवरात्रि का शहर में इसलिए ज्यादा महत्व है कि सम्राट विक्रमादित्य ने शहर को आपदाओं से बचाने के लिए देवी शक्तियों को विराजमान किया था। विक्रमादित्य द्वारा स्थापित प्राचीन देवी मंदिर हैं। यहां शारदीय नवरात्रि को खास तौर से मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर सम्राट ने देवी शक्तियों के लिए नगर पूजा का आयोजन किया था। यह परंपरा शासन द्वारा अब भी निभाई जाती है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन ने पहली बार चैत्र की नवरात्रि में भी नगर पूजा की थी। अब शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी पर 24 अक्टूबर को परंपरागत नगर पूजा का समय आया है।

हालाकि अभी प्रशासन की ओर से नगर पूजा को लेकर घोषणा नहीं की गई है। इस बार तिथियों के कारण महानवमी और दशहरा 25 अक्टूबर को एक साथ मनाए जाएंगे। हरसिद्धि मंदिर के प्रबंधक अवधेश जोशी के अनुसार नवरात्रि में कोरोना गाइड लाइन के चलते गर्भगृह में पूजन पर रोक होने से दीपमालिकाओं की बुकिंग भी कम हुई है। देश के विभिन्न हिस्सों और विदेश से दीपमालिका बुक कराने वालों की संख्या घट गई है। विदेश से एक भी श्रद्धालु ने बुकिंग नहीं कराई है। नगरकोट माता के पुजारी कुलदीप शास्त्री के अनुसार मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के साथ दर्शन कराए जाएंगे।

नवरात्रि विशेष- नगर की अधिष्ठात्री देवी है अवंतिका माता
जि स तरह मुंबई की अधिष्ठात्री देवी मुंबा देवी है, उसी तरह अवंतिका नगरी की अधिष्ठात्री देवी अवंतिका है। महाकालेश्वर मंदिर परिसर में विराजित अवंतिका देवी का मंदिर शक्तिपीठ कहलाता है। पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार देवी पुराण के अनुसार यहां सती के होंठ गिरे थे। हरसिद्धि शक्तिपीठ में देवी की कोहनी गिरी थी। इस तरह शहर में दो शक्तिपीठ की मान्यता है। कल्याण के शक्ति अंक में भी अवंतिका देवी शक्तिपीठ का उल्लेख है। डोंगरे महाराज ने भी अवंतिका शक्तिपीठ को मान्यता दी थी। इसके बाद इस उपेक्षित मंदिर की देखभाल शुरू हूई। पं. व्यास का कहना है कि इस शक्तिपीठ को जागृत करने की जरूरत है। शासन-प्रशासन और नागरिक देवी को प्रसन्न करते हैं तो नगर की खुशहाली बढ़ेगी।



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