उन्होंने कहा कि धर्म आधारित शिक्षा लोगों के बीच विद्वेष पनपा रही है.
उषा ठाकुर (Usha Thakur) ने कहा कि अब ऐसे मदरसे को बंद कर देना चाहिए जो राष्ट्रवाद में बाधक हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि असम ने तो ऐसा करके दिखा भी दिया है.
उषा ठाकुर ने कहा कि अब ऐसे मदरसों को बंद कर देना चाहिए जो राष्ट्रवाद में बाधक हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि असम ने तो ऐसा करके दिखा भी दिया है. उनकी माने तो मदरसों की शासकीय सहायता बंद कर देनी चाहिए. वहीं, वक्फ बोर्ड के सावल पर उन्होंने कहा कि वह अपने आप में एक सक्षम संस्था है. यदि कोई निजी तौर पर अपने धार्मिक संस्कार देता है तो इसमें हमारा संविधान छूट देता है. लेकिन संविधान की अलग परिभाषा करना गलत है.
धर्म आधारित शिक्षा लोगों के बीच विद्वेष पनपा रही हैउन्होंने कहा कि धर्म आधारित शिक्षा लोगों के बीच विद्वेष पनपा रही है. ऐसे में सभी बच्चों को सामूहिक रुप से समान शिक्षा देनी चाहिए. उन्होने ये भी कहा कि मदरसों में मध्यान्ह भोजन भी बंद होना चाहिए. साथ ही मौलवियों और इमामों को दिया जा रहा वेतन भी बंद होना चाहिए. कांग्रेस की सरकार दूसरे वर्गों का हक छीनकर इन्हें वेतन दे रही थी. वहीं, इंदौर में बंगाली बस्ती बसाने को लेकर उषा ठाकुर ने कहा कि इस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. उषा ठाकुर ने धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. इन सब ताकतों को 3 नंवबर को आईना दिखाइए. दरअसल, असम के शिक्षा मंत्री ने राज्य में सरकारी पैसे पर संचालित सभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद करने का फैसला लिया है. तब से पूरे देश में मदरसे को लेकर सवाल उठ रहे हैं.