Ranji Trophy will be in new format in bio-bubble | हर जोन में बायो- बलबल में होगा टूर्नामेंट; जनवरी से शुरू हो सकते हैं मैच

Ranji Trophy will be in new format in bio-bubble | हर जोन में बायो- बलबल में होगा टूर्नामेंट; जनवरी से शुरू हो सकते हैं मैच


नई दिल्ली/चंडीगढ़7 घंटे पहले

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  • फॉर्मेट में बदलाव किया जाएगा और चार ग्रुपों के बजाय ये टूर्नामेंट जोन के आधार पर खेला जाएगा
  • रणजी ट्रॉफी के साथ साथ सीनियर वुमन क्रिकेट टूर्नामेंट भी इसी आधार पर खेला जाएगा

भारतीय घरेलू क्रिकेट का 2020-21 सीजन, जिसमें रणजी ट्रॉफी के लिए केवल पुरुषों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप और संभवत: सीनियर महिला टूर्नामेंट शामिल हैं, कोरोना वायरस महामारी के कारण बायो बबल में खेली जाएगी। इस दौरान केवल उन्हीं शहरों में इसका आयोजन किया जाएगा, जिनमें कम से कम तीन मैदान, पर्याप्त होटल और आपातकाल के लिए अच्छे अस्पताल हों। मैचों के दौरान स्टेडियम में दर्शकों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

रणजी ट्रॉफी के फॉर्मेट में बदलाव किया जाएगा और ये चार ग्रुपों के बजाय यह टूर्नामेंट जोन के आधार पर खेला जाएगा। इसका मतलब है कि लीग मैचों के लिए एक जोन की टीम को एक ही शहर में इकट्ठा होना होगा। यही फॉर्मेट सीनियर महिला टूर्नामेंट में भी लागू किया जाएगा। एक सूत्र ने कहा कि इसका फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) की बैठक में लिया गया।

सूत्र ने कहा कि कोविड-19 के कारण 2020-21 के घरेलू सत्र में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है क्योंकि कोई नहीं जानता कि हम सभी के लिए क्या सही है। फिर भी, हमने जनवरी में रणजी ट्रॉफी और संभवत : सीनियर महिला टूर्नामेंट के लिए अस्थायी रूप से कराने का फैसला किया है। किस तारीख से यह शुरू होगा इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है लेकिन इसे अगले साल की शुरुआत में खेला जाएगा। हालांकि, जनवरी में यह कोविड की स्थिति पर निर्भर करेगा।

पुराना फॉर्मेट बदला जाएगा

सूत्र ने कहा कि रणजी ट्रॉफी का पुराना फॉर्मेट बदल जाएगा और मैच अब बायो-बबल और प्रत्येक जोन के एक शहर में खेले जाएंगे ताकि टीमों और मैच अधिकारियों को होटल और मैदान के बीच कम से कम दूरी तय करनी पड़े। शहरों को चुनने की शर्त ये है कि उनके पास आपातकाल के लिए कम से कम तीन अच्छे कोविड अस्पताल होने चाहिए। किसी भी दर्शक को मैदान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

कमेटी का गठन किया जाएगा

सूत्र ने कहा कि इसके लिए कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये कमेटी सभी संभावित: शहरों का दौरा करेगी और वहां की तैयारियों का जायजा लेने के बाद एक रिपोर्ट सौंपेगी। मार्च-अप्रैल तक के लिए जूनियर स्तर के टूर्नामेंट का कोई सवाल ही नहीं है। फरवरी या मार्च में हम जूनियर टूर्नामेंट पर चर्चा करेंगे। जूनियर क्रिकेटर्स भी अपना सीजन शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

6 जोन में बांटी जाएंगी सभी टीमें

आम तौर पर घरेलू क्रिकेट अगस्त के बीच में शुरू होता है। पिछले साल इसकी शुरुआत दलीप ट्रॉफी के साथ 17 अगस्त को हुई थी जबकि रणजी ट्रॉफी नौ दिसंबर से शुरू हुई थी। रणजी ट्रॉफी में 38 टीमें भाग लेती है और इसे 6 क्रिकेट जोन में बांटा गया है, जिसमें ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ, साउथ, सेंट्रल और नई नॉर्थ-ईस्ट जोन की टीमें शामिल है। चंडीगढ़ की टीम का प्रदर्शन पिछले साल अच्छा रहा था और इस बार भी टीम वही प्रदर्शन दोहराना चाहेगी।

पिच पर लौटने का सभी को इंतजार

सभी क्रिकेटर्स खुद को साबित करने के लिए पिच पर लौटने का इंतजार कर रहे हैं और एक खिलाड़ी के लिए ये इंतजार काफी मुश्किल होता है। एक क्रिकेटर कभी भी खुद को मैदान से दूर नहीं रखना चाहता लेकिन पिछले कुछ महीने प्लेयर्स के लिए अच्छे नहीं रहे। 7-8 महीने के बाद क्रिकेटर्स को मौका मिल रहा है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हर क्रिकेटर ने इसकी तैयारी की है।

– अर्सलान खान, ओपनिंग बैट्समैन, चंडीगढ़ क्रिकेट टीम

रणजी से ही परफॉर्मेंस दिखा सकते हैं

रणजी सीजन शुरू होना बेहद जरूरी है क्योंकि यहीं से आप अपना टैलेंट सभी को दिखा सकते हैं। इंडिया-ए और आईपीएल की टीमों में जगह बनाने के लिए यहां पर किया अच्छा प्रदर्शन काफी काम आता है। अगर किसी का पिछला सीजन अच्छा नहीं गया हो तो इस साल न खेलना उसे काफी पीछे कर सकता है। एक दिन के ट्रायल में आप अपनी गेम नहीं दिखा सकते। डोमेस्टिक सीजन एक क्रिकेटर के लिए बहुत जरूरी है। उसकी कमाई का भी यही एकमात्र जरिया होता है।

– प्रशांत चोपड़ा, ओपनिंग बैट्समैन, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट टीम



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