MPIDC jolts industry in Kovid round, development fee in Pithampur increased by 44% | कोविड दौर में एमपीआईडीसी ने इंडस्ट्री को दिया झटका, पीथमपुर में विकास शुल्क 44% बढ़ाया

MPIDC jolts industry in Kovid round, development fee in Pithampur increased by 44% | कोविड दौर में एमपीआईडीसी ने इंडस्ट्री को दिया झटका, पीथमपुर में विकास शुल्क 44% बढ़ाया


इंदौर18 घंटे पहले

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बढ़ी हुई दरें

  • आदेश 23 अक्टूबर से लागू
  • विभाग मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक किसी को इस फैसले की जानकारी नहीं

(संजय गुप्ता) कोविड के दौर और उपचुनाव के दौरान लगी आचार संहित के दौरान भी मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) ने पीथमपुर में विकास शुल्क में करीब 44 फीसदी की बढ़ोतरी करने के आदेश जारी कर दिए हैं। पहले यह शुल्क 696 रुपए प्रति वर्गमीटर था जो एक हजार रुपए कर दिया गया है। इससे एक हेक्टेयर जमीन जो पहले उद्योगपति को दो करोड़ रुपए में मिलती थी वह अब दो करोड़ 38 लाख रुपए में पड़ेगी।

वहीं विभाग मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक किसी को इस फैसले की जानकारी भी नहीं है। यह आदेश 23 अक्टूबर से लागू कर दिया गया है। शुल्क बढोतरी का फैसला एमपीआईडीसी के एमडी जॉन किंग्सली द्वारा लिया गया है। इस मामले में किंग्सली का कहना है कि आसपास जमीन के शुल्क अलग-अलग थे और इन्हें समान करने के लिए दाम बढाए गए हैं और यह बहुत अधिक नहीं है।

लैंडपूल में जमीन ली है, निजी जमीनों के बढेंगे दाम : जानकारों के अनुसार मप्र शासन ने लैंडपूल के तहत पीथमपुर में निजी जमीन अधिग्रहित की है, इससे उद्योगों को जमीन महंगी मिलेगी और उद्योगपति निजी जमीन खरीदने के लिए जाएगा, उनके दाम बढेंगे।

बीते साल 182 हेक्टेयर जमीन आवंटित हुई और 143 करोड मिला था विकास शुल्क : बीते साल एमपीआईडीसी इंदौर द्वारा कुल 182 हेक्टेयर जमीन उद्योगों को आवंटित की गई थी और इससे मप्र शासन को 143 करोड़ रुपए का विकास शुल्क व 106 करोड का जमीन प्रीमियम मिलाकर कुल 250 करोड़ का राजस्व मिला था।

400 से ज्यादा नहीं आता है विकास शुल्क : वहीं कुछ माह पहले इंडस्ट्री को बढावा देने के लिए यह प्रस्ताव भी गया था कि विकास शुल्क को कम किया जाए। दरअसल विकास शुल्क किसी एरिया को विकसित करने पर आया एमपीआईडीसी का खर्च है, जो वह पूरे प्लाट के वर्गमीटर एरिया में विभाजित कर औसत के अनुसार निकलता है। यह सामान्य तौर पर 400 रुपए प्रति वर्गमीटर आता है, इसी के चलते वर्तमान शुल्क 696 रुपए को भी कम करने का प्रस्ताव इंदौर से गया था लेकिन उलटे इसे बढा दिया गया।

यह फैसला विशेष तौर पर पीथमपुर पर ही लागू किया गया है, जहां पर मप्र की 70 से 80 फीसदी इंडस्ट्री के निवेश के प्रस्ताव आते हैं। वहीं खुद उद्योगमंत्री राज्यवर्धन दत्तीगांव का भी जिला है, जो खुद अभी उपचुनाव में खड़े हुए हैं।



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