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- The Poor Rice Was Then Sent To Distribute The Poor, Landed A Rack Of 26 Thousand Quintals In Shivpuri, Ashoknagar, Guna And Datia Were Also Sent.
शिवपुरी11 घंटे पहले
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ऐसा घुन लगा चावल आया
- गोदामों में रखा 7610 क्विंटल खराब चावल उठाने मिल मालिक अब तक नहीं आए, अब पहले से भी ज्यादा खराब चावल खपाने भेजा
- मिल मालिक और मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन की सांठगांठ से खराब चावल गरीबों में खपाने की साजिश उजागर
- जिला प्रबंधक ने किया दावा: रीवा से जांच के बाद एफएक्यू चावल ही शिवपुरी भेजा है, हकीकत: वेयर हाउस कॉर्पोरेशन ने जांच कर एक हजार क्विंटल चावल नाॅन एफएक्यू उतरा
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से गरीबों को बांटने के लिए फिर से खराब चावल शिवपुरी जिले में भेज दिया है। जानवरों का चावल इंसानों को बांटने के लिए 26 हजार क्विंटल चावल की रैक शिवपुरी में उतारी गई है। इसमें सबसे ज्यादा शिवपुरी और शेष चावल अशोनगर, गुना और दतिया जिले में वितरण के लिए ट्रकों से भिजवा दिया है। सितंबर में पकड़ा 7610 क्विंटल खराब चावल मिल मालिकों के इंतजार में अभी भी गोदामों में रखा हुआ है। अब अक्टूबर में पहले से कई गुना ज्यादा खराब चावल खपाने के लिए भेज दिया है। मिल मालिक और मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन की सांठगांठ की बात सामने आ रही है।
रीवा जिले से जिस मिल से खराब चावल भेजा है, उसमें कीड़े रैंग रहे हैं। बोरियां फटकर टूटन और घुनी काफी मात्रा में निकल रही हैं। सड़ने से पीले हुए चावल भी काफी मात्रा में हैं। जिन्हें खाने से कोई भी बीमार हो जाएगा। रीवा से खराब चालक शिवपुरी तक कैसे पहुंचा, इसके पीछे रीवा के सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के सर्वेयर और अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदिग्ध है। वहीं उक्त माल को शिवपुरी के गोदामों में गुपचुप तरीके से उतरवा दिया है। इस पूरे फर्जीवाड़े में मिल मालिकों के साथ सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के अफसरों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
ग्राउंड रिपोर्ट: ट्रांसपोर्टर बचाता रहा, नाम तक नहीं बताया
26 हजार क्विंटल चावल की जो रैक शिवपुरी उतारी है, उसके साथ ट्रांसपोर्टर का एक आदमी भी साथ आया है। रेलवे स्टेशन पर ट्रकों में चावल लोड करते वक्त पूछताछ की तो ट्रांसपोर्टर ने कहा कि चावल रीवा से आया है। पूरे समय नजर बचाता रहा और अपना नाम तक नहीं बताया। वहीं मौके पर सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन का एक भी अधिकारी व कर्मचारी नहीं था।

वेयरहाउस से राशन की दुकानोें पर भेजा जा रहा चावल।
चावल उतरते ही उचित मूल्य दुकानों पर बांटने के लिए भेजना भी शुरू किया
पीईजी गोदाम रा तौर पर 42 गाड़ी माल उतारा जा चुका है। मंगलवार की ही गेड़ाम से ट्रक लोड करना शुरू कर दिया है, जिसे उचित मूल्य दुकानों पर वितरण के लिए भेजा जा रहा है। यानी खराब चावल को गरीबों में खपाने के लिए बहुत तेजी से प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पीडीएस में पूरा सिस्टम ही सवालों के घेरे में नजर आ रहा है।
वेयर हाउस पर सैंपल लेकर रखे, एक हजार क्विंटल चावल घटिया
लुधावली वेयर हाउस पर 950 क्विंटल और महादेव वेयर हाउस पर 650 क्विंटल चावल उतारा है। यहां सैंपल जांच में करीब 1 हजार क्विंटल चावल नॉन एफएक्यू (गुणवत्तारहित) निकला है। यह चावल इंसानों को बांटने लायक नहीं है। फिर भी सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन ने चावल गोदामों पर उतरवा दिया। सैंपल देखा तो चावलों में कीड़े रेंगते दिखे।
प्रभात इंडस्ट्रीज रीवा का था टैग
सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन शिवपुरी के जिला प्रबंधक एसएन माहेश्वरी ने बताया कि रीवा से जांच के बाद ही एफएक्यू चावल शिवपुरी भेजा है। जब दैनिक भास्कर की टीम लुधवानी वेयर हाउस पहुंचा तो यहां सैंपलों से हकीकत सामने आ गई। वेयर हाउस कॉर्पोरेशन की जांच में 1 हजार क्विंटल चावल नॉन-एफएक्यू गोदाम में उतारा गया है। जो चावल शिवपुरी भेजा है, उसकी बोरियों पर प्रभात इंडस्ट्रीज रीवा के नाम का टैग लगा है।
हमारा व्यक्ति माल चेक करेगा
इन लोगों ने मुझे देर से बताया, शाम को पता चला कि सबकुछ निपट गया है। हमनें रिटायर कर्मचारी को रखा है, वो शिवपुरी जाकर देखेगा। हालांकि चेक करने के लिए वहां एफसीआई वाले बैठे हैं। बुधवार को हमारा व्यक्ति गोदामों में जाकर माल चेक करेगा।
जगदीश कुमार, आरएम, एमपी एससीएससी ग्वालियर