बानमोरएक दिन पहले
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बानमोर में फैक्टरी गेट घेरकर खड़े मृतक केे परिजन व अन्य लोग।
- पीड़ित परिवार को मदद देने की मांग को लेकर 200 से ज्यादा लोगों ने 6 घंटे तक फैक्टरी गेट घेरा
इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित प्रकाश पैकेजिंग फैक्टरी के ड्राइवर विश्राम सिंह जाटव की बुधवार की दोपहर 2 बजे कारखाना कैम्पस में मौत हो गई। प्रबंधन ने मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया है वहीं परिवार के लोगाें ने हत्या का आरोप लगाया है। ड्राइवर के बारिशों को आर्थिक मदद देने की मांग को लेकर 200 से ज्यादा लोगों ने फैक्टरी गेट को 6 घंटे तक जाम करके रखा।
मृतक विश्राम 50 साल के बेटे साधु जाटव निवासी बामौर गांव का कहना है कि कारखाना प्रबंधन ने उसे उसके पिता की मौत संबंधी सूचना दो घंटे बाद शाम 4 बजे दी। वह प्रकाश पैकेजिंग फैक्टरी पहुंचा तो सुरक्षा गार्डों ने उसे 2 घंटे तक फैक्टरी कैम्पस के अंदर नहीं जाने दिया। बाद में जब भीड़ ने गेट को जाम कर दिया तब पुलिस के साथ साधु पिता की डैडबॉडी के पास पहुंच पाया। बामौर गांव से आए दलितों व फैक्टरी क्षेत्र के लोगों ने प्रबंधन से मांग की कि मृतक के परिजन को 10 लाख रुपए की सहायता तत्काल प्रदान की जाए। प्रबंधन इतनी राशि मदद बतौर देने को सहमत नहीं था तो दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक भीड़ ने फैक्टरी गेट पर हंगामा किया और आवाजाही को बंद कर दिया।
फैक्टरी मंे 3 साल से नौकरी कर रहा था विक्रांत
बामौर गांव का रहने वाला विश्राम सिंह जाटव 3 साल से प्रकाश पैकेजिंग फैक्टरी के ट्रक पर ड्राइवर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा था। फैक्टरी मालिक आशीष शर्मा का कहना है कि बुधवार की दोपहर 2 बजे विक्रांत को हार्ट अटैक आने के बाद उसकी मौत हो गई। परिजन की शिकायत है कि विश्राम को हार्ट अटैक आने के तत्काल बाद इलाज के लिए ग्वालियर क्यों नहीं ले जाया गया। साधु ने पिता के पास जाकर देखा कि वह ट्रक के पास पड़े हैं और उनके मुंह से झाग निकल रहा था। इससे मामला शंका की परिधि में आता है।