भोपाल2 मिनट पहले
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राजधानी में गुंडों के डर से एक परिवार को अपना घर छोड़कर बड़े पिता जी के यहां शरण लेने वाली किरण राजपूत, अपनी मां और चार छोटे भाई-बहनों के साथ। किरन के पिता तरुण राजपूत की अप्रैल में गुंडों ने घर में घुसकर हत्या कर दी थी, इसके बाद परिवार न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
- चार दिन सीएम शिवराज से मिलने के लिए हाउस के बाहर खड़ा रहा परिवार, पुलिस वालों ने भगाया
- गुंडों के डर से सात महीने से घर छोड़कर दर-दर की ठोंकरें खाने को मजबूर, परिवार को आर्थिक मदद की दरकार
भोपाल के एकतानगर (गोविंदपुरा) क्षेत्र में तीन बहनें और दो भाईयों के परिवार में आठ अप्रैल 2020 को गुंडों का कहर टूटा, पहले भाई को पीटा। इसके बाद जब परिवार ने इनके खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई तो गुंडों ने भाई के साथ ही पिता को जान से मारने की धमकी दी। केस वापस लेने का लगातार दबाव बनाया गया, लेकिन जब परिवार ने मुकदमा वापस नहीं लिया तो गुंडों ने 16 अप्रैल को घर में हमला तरुण राजपूत (41) को जमकर पीटा, इसके दूसरे दिन उसकी मौत हो गई।
पिता की हत्या के बाद 7 महीने से इंसाफ के लिए लड़ रही बेटी ने पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजे। मदद की गुहार लगाई। यहां तक की सीएम शिवराज से मिलने की चार बार कोशिश की, लेकिन नहीं मिल पाई तो उसने रविवार को हाथ ही नस काटकर जान देने की कोशिश की। उस समय उसकी मां ने उसे बचा लिया है। किरन के हाथ में पट्टी बंधी है। उसके चारों छोटे भाई और बहन मां के साथ घेरकर एक ही चारपाई में बैठे हैं। किरन की देखरेख के लिए गोविंदपुरा थाने से एक महिला एसआई को लगाया गया है।
ट्विटर पर लाइव सुसाइड करने जा रही थीं किरन
Gareeb k liye koi nyaay nhi Marne k siwa koi Rasta nhi Mai hath ki nus Kat KR or blod thinner kha KR atmhatya KR rhi hu Meri mout ka jimmedar andha or behra prashashan hai . pic.twitter.com/4bcAKO7UZQ
— kiran rajput (@kiranra16479443) November 1, 2020
किरन राजपूत ने कहा, “पुलिस भ्रष्ट और गुंडों से मिली हुई है, तभी मेरे पिता की हत्या हुई और उनके हत्यारों को अब तक सजा नहीं मिल पाई है। मेरे पिता की हत्या हुई तो मामले का संज्ञान खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिया था। उन्होंने पुलिस को 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी मामले में परिवार को ढांढस बंधाते हुए कार्रवाई की बात कही थी, सही मायने में न्याय तो तभी होगा, जब सारे अपराधी जेल चले जाएंगे और भ्रष्ट पुलिस अफसर बर्खास्त हो जाएंगे।”
किरन राजपूत ने भास्कर से कहा कि ‘हमें न्याय नहीं मिला। गुंडों से पुलिस मिली हुई है और इसी मिलीभगत के बारे में सीएम साहब को बताने के लिए चार दिन तक लगातार सीएम हाउस गए, दो-तीन घंटे तक बाहर खड़े रहे, लेकिन हमें वहां से पुलिस वालों ने भगा दिया। जब हर जगह से न्याय की उम्मीद खत्म हो गई तो मैंने आत्महत्या करने की सोची। तीन पन्ने का सुसाइड नोट लिखा और हाथ की नस काट ली। क्योंकि अब मेरे और परिवार के सामने कोई रास्ता नहीं बचा है। किरन ने जोर देकर कहा कि पिता की हत्या के लिए पुलिस भी दोषी है। अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह फिर से आत्महत्या कर लेगी।’
किरण ने कहा, ‘गोविंदपुरा थाने के एएसआई अरविंद सिंह कौरव ने महिला को बचाया है। गलत एफआईआर लिखी है। तत्कालीन विवेचना अधिकारी एसआई आरएन चौहान ने तथ्यों में हेरफेर कर गलत चार्जशीट पेश की। पुलिस ने गुंडों का साथ देकर हमारे केस को बिगाड़ दिया। इसलिए इन दोनों अधिकारियों को बर्खास्त कर देना चाहिए।’
एमटेक की पढ़ाई कर रही किरन राजपूत ने कहा- ‘मेरे पिता तरुण सिंह राजपूत एक मजदूर थे। सुबह 8 से शाम के 8 तक अपना काम करते थे, मजदूरी कर 5 बच्चों का गुज़ारा और पढाई लिखाई हो पाना बहुत मुश्किल था। इसलिए मेरी मां के साथ हम 5 बच्चे घर के ही पास एक चिल्ड्रन्स पार्क में फुटपाथ पर खिलौने बेचते थे, जिससे हमारे घर और पढ़ाई-लिखाई का खर्चा चलता है। गोविंदपुरा क्षेत्र में वीर सिंह चौहान उर्फ बिल्ला नाम का एक आदमी है जो की आदतन अपराधी है और उसका पाकिस्तान तक सट्टा चलता है। उसने अपने सट्टे के अवैध धन से वहां के पुलिस वालों को खरीद रखा है, बिल्ला चौहान गोविंदपुरा थाना को हफ्ता भी देता है। इसी बिल्ला चौहान की वजह से गुंडों ने हमारा जीना मुहाल कर रखा है।’
किरन ने बताया कि, ‘पिछले सात महीने से हम भटक रहे हैं। गुंडों के डर से एकतानगर वाले घर को छोड़ दिया है। अब हमें अपनी बुआ और बड़े पिता जी के यहां शरण लिए हुए हैं। मेरी मां ललिता राजपूत हैं, दो बहने और दो भाई हैं। जीवन यापन के लिए हमारे पास कुछ नहीं है। पता इनके यहां भी कब तक रह पाएंगे। हम सीएम हाउस जाकर मुख्यमंत्री शिवराज से मिलना चाहते थे, लेकिन हर बार हमें वहां से भगा दिया गया।’
किरन ने बताया कि, ‘जब हमारे पिता का साया सिर से उठ गया तो हमने उम्मीद की थी कि सरकार से कुछ आर्थिक सहायता मिल जाएगी, लेकिन मप्र सरकार से हमें कुछ नहीं मिला, इसलिए मैंने दो बार मदद के लिए के लिए अभिनेता सोनू सूद को भी रिक्वेस्ट कर चुकी हूं, लेकिन वहां से भी हमें अब तक कोई मदद नहीं मिली है। उम्मीद करती हूं कि सोनू सूद हमारी कुछ मदद करेंगे।’