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- Municipal Corporation’s 1965 Boring 40% No Electricity Meter, Solution Will Be Made In Joint Survey
ग्वालियर20 घंटे पहले
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प्रतीकात्मक फोटो
शहर में नगर निगम की 1965 बोरिंग में से 40 प्रतिशत पर बिजली के मीटर ही नहीं लगे हैं। इस कारण इनका बिजली बिल औसत से ज्यादा दिया जा रहा है। नगर निगम के सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई है। साथ ही आधा दर्जन बोरिंग बंद हो चुकी हैं फिर भी बिजली कंपनी नगर निगम को बिल थमाए जा रही है।
निगम आयुक्त संदीप माकिन के साथ पिछले दिनों हुई मप्र विद्युत वितरण कंपनी की बैठक के बाद तय किया गया कि अब दोनों संयुक्त सर्वे कर समस्या का समाधान करेंगे।
गौरतलब है कि नगर निगम हर महीने बोरिंग का 3.50 करोड़ रुपए बिल बिजली कंपनी को देता है। कोरोना काल में बजट की दिक्कत आने के बाद निगम ने सर्वे कराना शुरू किया। यह जिम्मेदारी नोडल अधिकारी के रूप में रजनीश गुप्ता को दी गई।
प्राथमिक सर्वे में ऐसे मामले सामने आए, जिनसे बिल को कम किया जा सकता था। नगर निगम की आपत्ति के बाद उन बिलों को रोक दिया गया है। जहां पर बोरिंग नहीं होने के बाद भी बिल थमाए जा रहे थे।
इसके साथ ही मीटर नहीं होने पर 4500 यूनिट तक की खपत बताई जा रही थी। अब इसमें भी अंतर 60 प्रतिशत का आ गया है। नगर निगम अफसरों को उम्मीद है कि संयुक्त सर्वे के बाद बिजली बिल की राशि साढ़े तीन करोड़ से घटकर 2.75 या 3.00 करोड़ रुपए रह जाएगी।