भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आईआईटी इंदौर ने दस्तावेज तैयार किया है.
देश के जाने माने संस्थानों में शामिल आईआईटी इंदौर (IIT Indore) ने भ्रष्टाचार (Corruption) पर अंकुल लगाने के नियमों और कार्यप्रणाली से संबंधित दस्तावेज तैयार किया है.
संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डीआइजी मिश्र ने कहा कि लॉकडाउन के दौर से देश में ऑनलाइन गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर क्राइम के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन आइआइटी जैसे संस्थान तकनीकी की मदद से ऐसे अपराधों को रोकने और लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. डीआइजी ने तकनीक और अध्ययन की मदद से सड़क दुघर्टनाओं में आई 44 प्रतिशत की कमी का उल्लेख भी किया.
देश के जाने माने संस्थानों में शामिल आईआईटी इंदौर ने भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए नियमों और कार्यप्रणाली से संबंधित दस्तावेज तैयार किए हैं.
संस्थान के निदेशक प्रो. नीलेश जैन ने बताया कि कम से कम मानवीय हस्तक्षेप से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में ये प्रभावी कदम हो सकता है. इसी के मद्देनजर आइआइटी अब तक नियुक्ति प्रक्रिया बिना मानवीय हस्तक्षेप के आयोजित करता रहा है. इससे पहले तक नियुक्ति में इंटरव्यू ऑनलाइन नहीं होते थे, लेकिन हाल में शुरू हुई प्रक्रिया में इंटरव्यू भी ऑनलाइन आयोजित किए गए.मुख्य सतर्कता अधिकारी डॉ. प्रीति शर्मा ने संस्थान की विभिन्न पारदर्शी और जवाबदेह प्रक्रियाओं के बारे में बताया. प्रभारी रजिस्ट्रार एसपी होता ने सभी कर्मचारियों के लिए अपने कार्यक्षेत्रों में विजिलेंस पर ऑनलाइन सत्र आयोजित किया. डीआइजी मिश्र ने आइआइटी कैम्पस में पौधारोपण भी किया.
आइआइटी के कार्यवाहक निदेशक प्रो. नीलेश जैन ने बताया कि सतर्कता जागरुकता सप्ताह के दौरान संस्थान में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया.