कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र दांगी ने बीजेपी उम्मीदवार को शिकस्त दी (फोटो- Ramchandra Dangi, Twitter)
साल 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार गोवर्धन दांगी जीते थे, लेकिन उनके निधन के बाद यह सीट खाली थी और पिछले चुनाव (Last Election) में दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. ऐसे में आइए जानते हैं कि 2.25 लाख मतदाता वाले ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी (BJP candidate) नारायण सिंह पंवार के हार की 3 वजह क्या रहीं….
- News18Hindi
- Last Updated:
November 10, 2020, 4:03 PM IST
1. कांग्रेस उम्मीदवार रामचंद्र दांगी दिंवगत विधायक गोवर्धन दांगी (2018 में कांग्रेस से चुने गए थे) के काफी करीबी थे. ऐसे में दांगी समाज के अलावा अन्य लोगों ने सुहानुभूतिवश इस बार कांग्रेस को मौका देना उचित समझा.
2. नारायण सिंह स्थानीय उम्मीदवार नहीं थे और ना ही वह ब्यावरा में रहते हैं. ऐसे में लोगों ने स्थानीय उम्मीदवार को तरजीह दी. ब्यावरा में रामचंद्र दांगी काफी लोकप्रिय रहे हैं. ऐसे में नारायण सिंह का जीतना मुश्किल था.
3. नारायण सिंह को टिकट देने के बाद से ही स्थानीय स्तर पर पार्टी के अंदर काफी विरोध हो रहा था. वहीं, रामचंद्र दांगी भी 2018 के पहले दो बार चुनाव लड़े और हार गए थे, लेकिन वे जनमानस के बीच हर समय मौजूद रहे.