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शिवपुरी20 घंटे पहले
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- कैसे थे भगवान महावीर पुस्तक का हुआ विमोचन, पुण्यार्जकों ने मिलकर 6 ओर से की शांतिधारा
- लॉकडाउन के चलते महावीर जयंती पर नहीं हो सका था बड़ा आयोजन, रविवार को अवसर मिला तो दीपयज्ञ के साथ सोने चांदी के कलशों से हुआ अभिषेक शांतिधारा
अब तक भगवान महावीर की पूजा करके निर्वाण लाडू समर्पित किया जाता था। लेकिन पहली बार निर्वाण दिवस पर महावीर महा अर्चना का आयोजन रविवार अलसुबह से महावीर जिनालय पर किया गया। जिसमें पुण्यार्जकों ने मिलकर 6 और से भगवान की शांतिधारा की।
इस दौरान कोरोना महामारी से मुक्ति और जीवन में खुशहाली की कामना भी भक्तों ने सामूहिक रुप से की। और कैसे थे भगवान महावीर, पुस्तक का विमोचन भी किया गया। दरअसल अप्रेल माह में भगवान महावीर की जयंती का उत्सव था लेकिन उस दौरान लॉकडाउन लगा था इस वजह से भगवान महावीर की सामूहिक अर्चना नहीं हो सकी थी। रविवार को अवसर मिला तो दीपयज्ञ के साथ सोने चांदी के कलशों से पहले तो भगवान की अभिषेक, शांतिधारा हुई इसके बाद उनकी महा अर्चना का आयोजन शुरु हुआ। जिसमें ऋद्धि मंत्रों पर केंद्रित विभिन्न छंदों और पदों को ब्रह्मचारी अंशु भैया ने पढ़ा और संगीत की स्वर लहरियों के बीच इस दौरान लोगों ने भगवान महावीर की भक्ति भी की।
इसलिए रविवार को मनाया गया भगवान महावीर निर्वाणोत्सव
कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे के करीब भगवान महावीर को मोक्ष हुआ था। इसलिए जैन समाज द्वारा मोक्ष कल्याणक अवसर इस तिथि को भक्ति और उत्सव के साथ मनाता है और शाम को गौतम गणधर की पूजा करता हैं क्योंकि इसी अमावस्या की शाम भगवान महावीर के प्रमुख गौतम गणधर को ज्ञान निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। चूंकि शनिवार को शाम को अमावस्या आई थी इस वजह से रविवार अलसुबह से कार्तिक अमावस्या का उत्सव मनाया गया।
संत बोले- अब मैं हुआ बंधन मुक्त, चातुर्मास पूरा
जैन मुनि सुव्रत सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित कर कहा कि जुलाई माह से शुरु हुआ चातुर्मास आज के दिन पूरा हुआ। चातुर्मास निष्ठापन के बाद संत बंधनों से मुक्त हो जाते हैं। जैसे महावीर स्वामी दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त कर सभी कर्मों से मुक्त हो गए थे उसी तरह मैं भी चातुर्मास के बाद अब बंधन मुक्त हो गया हूं।
पुण्यार्जकों ने किया श्री महावीर ऋद्धि विधान और दीप अर्चना का विमोचन
महावीर जिनालय पर इस दौरान मुनि सुव्रत सागर द्वारा रचित पुस्तक श्री महावीर ऋद्धि विधान और दीप अर्चना का विमोचन समाजसेवी डॉ देवेंद्र जैन अशोकनगर और पुस्तक में द्रव्य लगाने वाले पुण्यार्जकों ने सामूहिक रुप से किया। मुनि श्री का पाद प्रक्षालन महावीर जिनालय ट्रस्ट समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने किया। इस दौरान निर्वाण लाडू चढ़ाने का पुण्यार्जन राजाराम आनंद कुमार जैन गंज वाले, विमल कुमार विजय कुमार रस्सी वाले, चौधरी मीनामल जी सुमत प्रकाश जी जैन, प्रेम कुमार चौधरी परिवार सहित अन्य पुण्यार्जकों ने लिया।
पुण्यार्जकों ने प्रमुख पात्र बनकर की आराधना
आयोजन के दौरान मुनि सुव्रत सागर महाराज के सानिध्य में रविवार अलसुबह कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिसमें उन्होंने शांतिधारा और अभिषेक प्रक्रिया का वाचन किया। और पुण्यार्जक डॉ देवेंद्र कुमार, अंचल जैन, अशोकनगर, प्रहलाद कुमार पलाश कुमार, चौधरी अनिल कुमार-दीपेश कुमार, चौधरी जिनेश कुमार नीकेश कुमार, विकास-अरिहंत किलावनी, पवन कुमार-सहज कुमार खतोरा, इंजीनियर अजय प्रधान परिवार ने भगवान का अभिषेक और शांतिधारा का पुण्यार्जन किया। भगवान शांतनाथ, नेमिनाथ और भगवान महावीर के मस्तक से शांतिधारा कर सभी ने प्रार्थना की कि इस विश्व से कोरोना महामारी का जल्द अंत हो और लोग इस बीमारी के कहर से बचकर लोग हंसी-खुशी अपना जीवन यापन कर सकें यह कामना की।