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भोपाल5 मिनट पहले
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मध्य प्रदेश में एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों के लिए दूसरा राउंड 6 दिसंबर से शुरू होगा। – फाइल फोटो
- 9821 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन 8500 ने ही पसंद की सीटें भरीं
प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस/बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए पसंदीदा कॉलेज और सीट का विकल्प देने का काम (च्वाइस फिलिंग) सोमवार रात 12 बजे पूरा हो गया। दाखिले के लिए 9821 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन आखिरी तारीख 16 नवंबर को रात नौ बजे तक सिर्फ 8500 उम्मीदवारों ने च्वाइस फिलिंग कर ली है। सभी कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस की मिलाकर स्टेट कोटे की कुल 4362 सीटें हैं। 8500 उम्मीदवारों ने च्वाइस फिलिंग की है। सभी सीटें एमपी के मूल निवासी उम्मीदवारों से भर जाने की उम्मीद है।
संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा व प्रवेश प्रक्रिया प्रमुख डॉ. राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि पहले चरण में बाहरी उम्मीदवारों को च्वाइस भरने का मौका नहीं दिया गया है। दूसरे चरण में वह च्वाइस भर सकेंगे। हालांकि, उन्हें सीटें तभी अलॉट की जाएंगी जब मध्य प्रदेश का मूल निवासी उम्मीदवार नहीं रहेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस साल नॉन डोमिसाइल कंडीडेट बहुत कम आए हैं।
दूसरा राउंड 6 दिसंबर से शुरू होगा। डॉक्टर शर्मा ने बताया कि 5 दिसंबर तक नीट की आल इंडिया काउंसिलिंग होगी, इसमें एडमिशन होने के बाद मध्य प्रदेश में काउंसिलिंग और च्वाइस फिलिंग का काम शुरू होगा। दूसरे चरण में च्वाइस फिलिंग के लिए सरकारी कॉलेजों के लिए अन-रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों को 10 हजार और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों 5 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होगी। पूरी एडमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन चल रही है।
छोड़ने पर पूरे सीट लीविंग बांड देना होगा
प्रवेश प्रक्रिया प्रमुख डॉ. शर्मा ने प्रवेश नियमों के संबंध में कहा गया है निजी कॉलेज में एमबीबीएस, बीडीएस में दाखिले के बाद सीट छोड़ी तो उस कॉलेज की पूरे कोर्स की फीस देनी होगी। इसी तरह से सरकारी कॉलेजों में दाखिले के बाद सीट छोड़ने पर 30 लाख रुपये और प्राइवेट कॉलेज की सीट छोड़ने पर 50 लाख बतौर सीट लीविंग बांड देना होगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि हम कोई भी सीट खाली नहीं जाने देना चाहते हैं। इसलिए यह व्यवस्था की गई है। पिछले साल भी यह नियम था, जिसे इस साल यथावत रखा गया है।
2020-21 में एमबीबीएस/बीडीएस की सीटें
सरकारी मेडिकल कॉलेज |
13 |
एमबीबीएस की सीटें | 2035 |
सरकारी डेंटल कॉलेज | 1 |
बीडीएस की सीटें | 63 |
निजी मेडिकल कॉलेज | 9 |
एमबीबीएस की सीटें | 1450 |
निजी डेंटल कॉलेज | 13 |
निजी कॉलेजों में बीडीएस की सीटें | 1220 |
प्राइवेट कॉलेजों की सीटों में एनआरआई कोटा |
222 |
प्राइवेट कॉलेजों में बीडीएस सीटों में एनआरआई कोटा | 183 |
प्राइवेट और सरकारी एमबीबीएस/बीडीएस की कुल सीटें |
4705 |
कुल सीटें में स्टेट कोटे की सीटें | 4362 |