रेलयात्री हो रहे परेशान: मंगला और गोवा में इस महीने रिजर्वेशन नहीं यूपी-मुंबई तरफ जाने वाली ट्रेनें भी हुईं फुल

रेलयात्री हो रहे परेशान: मंगला और गोवा में इस महीने रिजर्वेशन नहीं यूपी-मुंबई तरफ जाने वाली ट्रेनें भी हुईं फुल


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भोपाल5 मिनट पहले

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30 तक किस ट्रेन की स्थिति

  • दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक ही मिल रहीं ट्रेनों में कुछ सीटें

मुंबई, गोवा, उत्तर प्रदेश के शहरों तरफ आने-जाने वाली ट्रेनों में खासी वेटिंग लग चुकी है। मंगला एक्सप्रेस तो इस महीने के अंत व साल के अंतिम दिनों के दौरान रिजर्वेशन तक बंद हो चुका है यानी रिग्रेट की स्थिति बन गई है। इसी तरह के हालात गोवा एक्सप्रेस के भी हैं, जिसमें 288 तक वेटिंग इस महीने के अंत तक ही मिल रही है। ऐसे ही हालात साल के अंतिम सप्ताह के दौरान भी गोवा एक्सप्रेस में बन रहे हैं। कुशीनगर, पुष्पक, प्रतापगढ़ एक्सप्रेस के साथ ही कामायनी, रेवांचल और पटना स्पेशल एक्सप्रेस में भी इस महीने के अंत तक वेटिंग के कारण एसी व स्लीपर श्रेणी में टिकट नहीं मिल पा रही है।

दीपावली का त्योहार मनाकर लौटने वाले यात्रियों के कारण मुंबई, गोवा सहित दक्षिण भारत तरफ जाने वाली ट्रेनों में नवंबर अंत तक लंबी वेटिंग मिल रही है। ऐसी ही स्थिति उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से मुंबई तरफ आवागमन करने वाली पुष्पक, कामायनी, कुशीनगर एक्सप्रेस की भी है, जिनमें नवंबर अंत तक भारी वेटिंग है। वहीं, साल के अंतिम सप्ताह में भी पुष्पक, गोवा, मंगला एक्सप्रेस में लोगों के छुट्‌टी मनाने जाने के कारण अभी से सीटें फुल हो चुकी हैं।

गोवा की क्लोन के बाद भी कम नहीं हो रही वेटिंग
वर्तमान में गोवा एक्सप्रेस की एक क्लोन ट्रेन चल रही है। इसके बाद भी गोवा एक्सप्रेस की वेटिंग कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे हालात लगातार बनने पर साल के अंत में गोवा व मडगांव और मुंबई जैसे स्थानों के लिए क्लोन ट्रेनें बढ़ाना जरूरी हो जाएगा। इन ट्रेनों का किराया आम ट्रेनों के मुकाबला डेढ़ से दोगुना है।

लंबी वेटिंग का यह कारण भी
सूत्रों का कहना है कि कुछ एजेंट अपने घर के लोगों, परिचितों सहित कई आईडी के माध्यम से उन स्थानों के लिए दो-दो महीने बाद तक की टिकट रिजर्व कर लेते हैं, जहां पर यात्री ज्यादा संख्या में आते-जाते हैं। इसके बाद उन्हीं टिकटों को ज्यादा दामों पर बेचते हैं। हालांकि कई बार ऐसा करते हुए दलाल व एजेंट पकड़ा भी जाते हैं, लेकिन पैसा कमाने के लिए वे तरह-तरह के हथकंडे अपनाने से नहीं चूकते।



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