छठ पूजा के लिए नया सिस्टम: पहले ही दिन 1284 उपासकों ने कराए रजिस्ट्रेशन

छठ पूजा के लिए नया सिस्टम: पहले ही दिन 1284 उपासकों ने कराए रजिस्ट्रेशन


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

नागदा20 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
  • पहली बार छठ पूजा के लिए नया सिस्टम : आज और कल भी होंगे पंजीयन, 2568 पास जारी हुए

छठ पर्व पर कोरोना काल के कारण पहली बार लागू की गई पंजीयन की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई। शहर में 8 स्थानों पर अस्थाई केंद्र बनाकर पंजीयन करने का काम शुरू हो गया।

पहले ही दिन 1284 उपासकों ने अलग-अलग स्थानों पर बनाए गए केंद्रों पर पहुंचकर पंजीयन कराए। उपासकों को उनके साथ एक सहायक को भी ले जाने की अनुमति दी जाएगी। यानी पहले दिन कुल 2568 उपासकों और उनके सहायकों के लिए पंजीयन होने के बाद पास जारी कर दिए गए। बुधवार और गुरुवार को भी 8 केंद्रों पर पंजीयन की प्रक्रिया जारी रहेगी।

कोरोना के कारण पहले प्रशासन ने चंबल नदी के तट पर नहीं आकर घरों पर रहकर ही छठ पर्व मनाने की बात कही थी, लेकिन जनप्रतिनिधि और स्थानीय नेताओं ने शहर के पूर्वांचलवासियों की आस्था को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष यह मुद्दा रखा।

इसके बाद उच्च स्तर पर ही कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए घाट पर आने की स्वीकृति दे दी गई। प्रशासन ने केवल उपासकों को पंजीयन कराने के बाद घाटों पर जाकर पूजन की अनुमति देने का निर्णय लिया था। मंगलवार को नपा के माध्यम से व्रतधारी और उनके सहायक के पंजीयन कर पास जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

यहां बनाए 8 केंद्र

दुर्गापुरा शिव मंदिर, रामलीला मैदान, मेहतवास पानी की टंकी, सी-ब्लॉक हनुमान मंदिर, गवर्नमेंट कॉलोनी शिवाजी स्कूल, इंद्रपुरी प्रिंटिंग प्रेस, विद्यानगर और मंडी क्षेत्र में नपा कार्यालय में बनाए गए केंद्रों पर सुबह से ही पंजीयन के लिए पूर्वांचलवासियों की भीड़ लगना शुरू हो गई थी।

चंबल तट पर तीन घाटों पर होता है पूजन

शहर में चंबल नदी के तट पर नायन, हनुमान पाला और मेहतवास घाट पर पूर्वांचलवासियों द्वारा सूर्य को अर्घ्य देकर उपासना की जाती है। इन तीनों स्थानों पर भी घाट की साफ-सफाई का कार्य नपा के माध्यम से करवाया जा रहा है। 20 नवंबर की शाम और 21 नवंबर की सुबह पूर्वांचलवासी आराधकों द्वारा सूर्य को अर्घ्य देकर उपासना की जाएगी।



Source link