पुलिस टीम, एफ.एस.एल. टीम, अभियोजन अधिकारियों और डी.एन.ए. टीम ने दिन-रात एक कर लॉकडाउन के दौरान भी जांच जारी रखी(प्रतीकात्मक तस्वीर)
लगभग तीन महिने में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गुरुवार को अदालत ने इस मामले में दोषी पाये गए रितेश धुर्वे को मौत की सजा सुना दी.
छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा थाना क्षेत्र के जमुनिया गांव की तीन साल की बच्ची का 17 जुलाई को अपहरण हो गया था. आरोपी ने बलात्कार करने के बाद हत्या कर बच्ची के शव को माचगोरा डेम में फेंक दिया था. कोर्ट ने सबूतों और गवाहों की सुनवाई के बाद रितेश उर्फ रोशन पिता उद्देसिंह धुर्वे को दोषी पाया. पुलिस की समय पर जांच और फौरन कार्रवाई के कारण विशेष न्यायालय अमरवाड़ा की अतिरिक्त न्यायाधीश निशा विश्वकर्मा की अदालत ने दोषी रितेश धुर्वे को मौत की सजा सुनाई.
26 जुलाई को चार्जशीट पेश
पुलिस ने इस प्रकरण को गंभीर और सनसनीखेज कैटेगरी में रखा. पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा विवेक अग्रवाल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशांक गर्ग को विभिन्न टीमों के साथ को-ऑर्डिनेट कर प्लानिंग की कि जल्द जांच पूरी की जाए ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलवायी जा सके. इस केस में तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी रितेश को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही जल्द ही जांच पूरी कर अभियोग 26 जुलाई को तैयार कर अदालत में पेश कर दिया गया.
लॉक डाउन में भी कार्रवाई
पुलिस टीम, एफ.एस.एल. टीम, अभियोजन अधिकारियों और डी.एन.ए. टीम ने दिन-रात एक कर लॉकडाउन के दौरान भी जांच जारी रखी. केस की अदालत में लगातार सुनवाई की गयी. लगभग तीन महिने में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गुरुवार को अदालत ने इस मामले में दोषी पाये गए रितेश धुर्वे को मौत की सजा सुना दी.