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खंडवा21 घंटे पहले
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न्यायालय परिसर में प्रवेश से पहले पक्षकार व वकीलों को सैनिटाइजर करने के साथ ही टैंपरेचर चेक किया गया।
- कोरोना काल के चलते आठ माह बाद शुरू हुई अदालतें, कोराेना गाइडलाइन का सख्ती से हुआ पालन
कोरोना संक्रमण के दौरान आठ महीने बाद सोमवार से जिला व तहसील न्यायालयों में नियमित सुनवाई शुरू हुई। पक्षकारों के साथ ही वकील भी बड़ी संख्या में दिखे, लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने दूरी बनाएं रखी। अदालत शुरू होने पर रि मांड, जमानत, सिविल और क्रिमिनल अपील, 5 साल से अधिक पुराने क्रिमिनल मामले और एक्सीडेंट क्लेम जैसे मामलों की सुनवाई के अलावा हत्या-दुष्कर्म, लूट जैसे गंभीर मामलों में गवाहों के बयान भी हुए। सुबह 11 से दोपहर 2 तक व 3 से 5 बजे तक न्यायालय में कामकाज हुआ। जिला सत्र न्यायाधीश के अलावा छह अपर सत्र न्यायाधीश, एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व 11 जेएमएफसी न्यायालयों में सुनवाई व गवाहों के बयान हुए। सोमवार को अदालत खुलने से पहले न्यायिक कर्मचारी मुख्य गेट पर सैनिटाइजर व टैंपरेचर मशीन लेकर तैनात हो गए। न्यायालय में आने वाले अधिवक्ताओं व पक्षकारों की जांच के बाद ही अंदर जाने दिया। जो लोग बिना मास्क के आए उन्हें गेट से ही वापस कर दिया।
सुनवाई नहीं होने से वकीलों पर आर्थिक संकट
कोरोना काल की वजह से जिला न्यायालय में आठ महीने से नियमित सुनवाई बंद है। इस कारण वकीलों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिले में न्यायालय में 400 से ज्यादा वकील हैं। इनमें 50-60 वकीलों पर आर्थिक संकट आ गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान वकीलों ने अपने साथियों की मदद भी की, लेकिन ये नाकाफी है। अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अरुण कुमार दुबे व सचिव रविंद्र पाथरीकर ने बताया कि जिले के वकीलों के लिए हमने सरकार से आर्थिक मदद मांगी थी। डेढ़ महीने पहले 1.35 लाख रुपए आए थे, जो 23 वकीलों में बांटे गए। स्थानीय स्तर पर भी मदद की जा रही है।
बार-बार खांसने पर आगे बढ़ाई पेशी की तारीख
हत्या के एक प्रकरण में वरिष्ठ अधिवक्ता एसके अग्रवाल के साथ पक्षकार व मामले का गवाह बल्लू अदालत में पहुंचा। जज के सामने गवाह बयान शुरू होते ही बार-बार खांसने लगा। इस कारण उसे अगली तारीख दी गई। बल्लू ने कहा कि रविवार-सोमवार की रात गेहूं में पानी देने गया था। इस कारण शरीर में ठंड भरा गई। न्यायालय आने के बाद खांसी शुरू हुई। अधिवक्ता रंजन जैनी ने बल्लू को अगली बार स्वस्थ होने पर ही आने को कहा।
परिसर में खुली रही फोटोकॉपी की दुकानें
उच्च न्यायालय ने न्यायालय परिसर की फोटोकॉपी दुकानें बंद करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय परिसर में केंटीन तो पहले से ही बंद पड़े हैं, लेकिन सोमवार को फोटोकॉपी की सभी छह दुकानें खुली रहीं।