केंद्र ने मप्र भेजी टीम: कूनो- बांधवगढ़ तैयार, अफ्रीकी चीता आएगा

केंद्र ने मप्र भेजी टीम: कूनो- बांधवगढ़ तैयार, अफ्रीकी चीता आएगा


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32 मिनट पहले

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अफ्रीकी चीतों को जल्दी ही मध्य प्रदेश लाया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार की एक टीम मप्र पहुंची है।

  • सुप्रीम काेर्ट 10 माह पहले इन चीताें काे भारत लाने की अनुमति दे चुका है
  • वन मंत्री विजय शाह बोले- मप्र मेंं जल्दी बनेगी सफारी

लंबे इंतजार के बाद अफ्रीकी चीतों को मध्य प्रदेश लाया जाना लगभग तय हो गया है। इन चीतों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एक टीम मध्य प्रदेश भेजी है। यह जानकारी वन मंत्री विजय शाह ने दी। शाह ने कहा कि कूनो या बांधवगढ़ में जल्दी ही अफ्रीकी चीते देखने को मिल सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट अफ्रीकी चीतों को भारत लाने की अनुमति फरवरी 2020 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण काे दे चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि इन चीताें काे अनुकूल वन क्षेत्र में ही रखा जाए। पूर्व में केंद्र सरकार ने अफ्रीकी चीतों के लिए देश में तीन स्थान चिन्हित किए थे। इसमें दो स्थान (कूनो-पालपुर और नौरादेही सेंचुरी) मप्र के हैं, जबकि एक सेंचुरी राजस्थान की है। कूनो-पालपुर और नौरादेही को शॉर्टलिस्ट केंद्र सरकार ने किया था। यदि सरकार पूर्व में चिन्हित की गई जगहाें काे तवज्जाे देती है ताे मप्र में ये चीते बसाए जा सकते हैं। कूनाे-पालपुर में इनके लिए अनुकूल माहाैल तैयार किया जा चुका है। हालांकि वन मंत्री ने कहा है कि बांधवगढ़ में भी इसको लेकर वैकल्पिक तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि कूनो पालपुर और नौरादेही सेंचुरी में हिरणों को शिफ्ट किया जा रहा है।

इन चीताें काे लाना इसलिए जरूरी

सुप्रीम कोर्ट में एनटीसीए ने दायर आवेदन में कहा था कि दुर्लभ भारतीय चीता देश में लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसमें नामीबिया से अफ्रीकी चीता लाने की अनुमति दें। सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया है, जो इस मुद्दे पर फैसला लेने में एनटीसीए का मार्गदर्शन करेगी। शीर्ष कोर्ट इसकी निगरानी करेगा।



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